नई दिल्ली: 3 जून को लापता हुए वायुसेना के एएन-32 विमान का मलबा मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के घने जंगलों वाले पर्वतीय क्षेत्र लीपो में मिला. न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक तस्वीर जारी की है जिसमें झुलसे पेड़ों के बीच AN-32 विमान का मलबा दिखाई दे रहा है. तस्वीर देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि विमान गिरने के बाद आग लगी होगी.


अभी तक लीपो में दुर्घटना स्थल तक नहीं पहुंचा जा सका है और विमान में सवार लोगों के जीवित होने की कम संभावनाओं की चिंता के बीच, वायुसेना ने कहा कि विमान में सवार लोगों के बारे में पता करने के प्रयास जारी हैं.





एएन 32 विमान ने अरुणाचल प्रदेश के शि-योमि जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए 3 जून को 12 बजकर 27 मिनट पर असम के जोरहाट के लिए उड़ान भरी थी. लेकिन दोपहर एक बजे विमान का संपर्क नियंत्रण कक्ष से टूट गया. इस विमान में 13 लोग सवार थे.


वायुसेना का बयान
वायुसेना ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘खोज अभियान में जुटे वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने आज (मंगलवार) टाटो के उत्तरपूर्व और लिपो के उत्तर में 16 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर विमान के मलबे का पता लगाया.’’ बयान में कहा गया, ‘‘विमान में सवार लोगों के बारे में पता लगाने के लिए प्रयास जारी हैं.’’


वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि एएन-32 के मलबे की पहचान के बाद, एक चीता हेलीकॉप्टर और एक एएलएच हेलीकॉप्टर घटनास्थल पर पहुंचे लेकिन अधिक ऊंचाई और घने जंगलों के कारण जमीन पर उतर नहीं पाए.





उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि नजदीक के लैंडिंग स्थल की पहचान कर ली गई है और हेलीकाप्टरों द्वारा बुधवार सुबह बचाव अभियान शुरू होगा. जमीनी बल रात में भी घटनास्थल पर पहुंचने की कोशिश करेंगे.’’ एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वायुसेना अपने विशेष कमांडो ‘गरूड़’ को दुर्घटनास्थल पर भेजेगी और जीवित बचे लोगों की संभावना तलाशेंगे.


वायुसेना ने लापता विमान का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रखा था लेकिन खराब मौसम के कारण यह अभियान बुरी तरह प्रभावित हुआ. इस अभियान में सुखोई 30 विमान, सी-130जे और एएन-32 विमान तथा एमआई-17 तथा एएलएच हेलीकॉप्टर की सेवाएं ली गईं. अभियान में सेना, आईटीबीपी और राज्य पुलिस के जवान भी शामिल थे.


वायुसेना ने इस साल अब तक करीब दस विमान गंवाए हैं जिसमें नया नाम एएन-32 विमान का है. अधिकारियों ने कहा कि मिराज 2000 से लेकर मिग-27 तक, इनमें से कई विमान फरवरी माह में दुर्घटनाग्रस्त हुए. जनवरी में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में वायुसेना का जगुआर विमान हादसे का शिकार हो गया था. हालांकि इसका पायलट सुरक्षित बाहर निकल आया था.