नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में दलित सम्मेलन के जरिए "संविधान बचाओ अभियान" की शुरुआत करेंगे. माना जा रहा है कि ये कवायद 2019 लोकसभा चुनाव में दलितों को कांग्रेस के पाले में लाने की कोशिश है. अहम बात ये है कि ये सम्मेलन ऐसे वक्त में हो रहा है जब एससी-एसटी एक्ट में बदलाव लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से देश भर में दलित समाज केंद्र की बीजेपी सरकार से नाराज है.


लगभग 5 हजार दलित प्रतिनिधि इस सम्मेलन में लेंगे हिस्सा


इस सम्मेलन में कांग्रेस के दलित सांसद, पार्टी के देश भर के दलित विधायकों के साथ साथ जिला और पंचायत स्तर के चुने हुए दलित प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के लगभग 5 हजार दलित प्रतिनिधि इस सम्मेलन में जुटेंगे. राहुल गांधी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खर्गे, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद सहित पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता भी इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे.


दलितों के मुद्दों को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर साधेंगे निशाना


पूरी संभावना है कि राहुल गांधी दलित सम्मेलन के मंच से दलितों के मुद्दे के साथ-साथ रेप, जजों जैसे दूसरे मुद्दों को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधेंगे. दलितों के मुद्दे पर कांग्रेस ने 9 अप्रैल को देश भर में सांकेतिक उपवास रखा था. दिल्ली में राजघाट पर राहुल गांधी भी उपवास पर बैठे थे और वहां से उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को दलित विरोधी बताया था. 13 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने बाबा साहेब अम्बेडकर का समय समय पर अपमान किया. देखना है कि इस आरोप पर क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी को कोई जवाब देते हैं?


 दलितों के शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सभी मुद्दों पर होगी बात 


कांग्रेस एससी विभाग के प्रमुख नितिन राऊत ने सम्मेलन के बारे में बताया कि दिल्ली के बाद पार्टी देश भर में ‘संविधान बचाओ अभियान चलाएगी’. ये कार्यक्रम साल भर चलेगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में ना केवल दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं बल्कि उनके संवैधानिक हक भी मारे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सम्मेलन में दलितों के हालात से लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले सहित दलितों के शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सभी मुद्दों पर बात होगी और अंत में एक प्रस्ताव भी आएगा. कांग्रेस द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान से जुड़े प्रधानमंत्री मोदी के आरोप पर राउत ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा वाले अम्बेडकर की विचारधारा के नहीं हो सकते.


 29 अप्रैल को दिल्ली के रामलीला मैदान में भी राहुल गांधी करेंगे 'हुंकार रैली'


देश भर में अनुसूचित जाति के 17 फीसदी मतदाता हैं और लोकसभा की 84 सीटें इस समाज के लिए आरक्षित हैं. एससी-एसटी समाज कभी कांग्रेस का स्थाई वोटबैंक हुआ करते थे, लेकिन पिछले कई सालों में ये कांग्रेस से छिटक चुके हैं. राहुल गांधी की कोशिश है कि 2019 लोकसभा चुनाव में दलित समाज एक बात फिर कांग्रेस का वैसा ही साथ दे, जैसा वो पहले देते थे. दलित सम्मेलन के बाद 29 अप्रैल को दिल्ली के रामलीला मैदान में राहुल गांधी 'हुंकार रैली' करने वाले हैं. कहने की जरूरत नहीं कि ये सब मिशन 2019 की शुरुआत है.