Mission Atmanirbhar Bharat: कोविड-19 महामारी से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने मिशन आत्मनिर्भर भारत के तहत कई नए कदम उठाए हैं. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इण्डस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड ने औद्योगिक सुरक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए हैं. ये सुधार खास तौर से उन औद्योगिक क्षेत्रों में किए गए हैं जहां सुरक्षा में चूक से भयंकर हादसे की सम्भावना बनी रहती है. जैसे पेट्रोलियम संयंत्र, एक्सप्लोसिव मैनुफ़ैक्चरिंग, सिलेंडर फ़ीलिंग और स्टोरेज एरिया. 


नियम-1 : थर्ड पार्टी को मिली इंस्पेक्शन की इजाज़त 


नियमों में हुए सकारात्मक बदलाव से केमिकल और गैस मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी कंपनियों को अप्रूवल मिलने में काफ़ी राहत मिलेगी. अभी तक इंडस्ट्री का सेफ़्टी इंस्पेक्शन केवल पेसो के अधिकारी ही कर सकते थे. लेकिन अब इंडस्ट्रियल यूनिट का सेफ्टी इंस्पेक्शन थर्ड पार्टी के जरिये भी हो सकेगा. थर्ड पार्टी इंसपेक्शन एजेंसी सर्टिफ़िकेशन, टेस्टिंग और इंस्पेक्शन भी कर सकेंगी. 


नियम -2 : सिलेंडर पर होगा जिओ टैगिंग और क्यूआर कोड 


पिछले साल बेरुत में हुए हादसे से सबक़ लेते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने ऑक्सीजन, अमोनियम नाइट्रेट और कैलिशयम कार्बोनेट के स्टोरेज को लेकर सेफ्टी नॉर्म्स सख्त कर दिए हैं. नए नियम के अनुसार प्रेशर वाले गैस कंटेनर में जिओ टैगिंग और क्यूआर कोड डालना जरूरी होगा. हालांकि अभी ये नियम रसोई गैस सिलेंडर पर लागू नहीं किया गया है. 


नियम-3 : गैस कंटेनर पर आईएसओ सर्टिफ़िकेशन अनिवार्य 


नए नियमों के मुताबिक़ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक या ज्वलनशील गैसों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए अब आईएसओ सर्टिफिकेशन वाले गैस कंटेनर का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है. 


नियम- 4 : स्टोरेज की जियो मैपिंग 


कैल्शियम कार्बोनेट के स्टोरेज के लिए प्रिमाइसेज़ की जियो मैपिंग होगी. अमोनियम नाइट्रेट का इम्पोर्ट सिर्फ बैगेज्ड फ़ार्म में होगा. साथ ही इसका स्टोरेज पोर्ट के 500 मीटर की दूरी पर करना जरूरी होगा. 



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