नई दिल्ली: आकाश ने लगभग एक महीने बाद लक्ष्मीनगर स्थित अपनी चाय की दुकान चेहरे पर मुस्कुराहट और व्यापार के फिर से पटरी पर लौटने की उम्मीद के साथ खोली. ऐसा मोहल्ले की दुकानों को फिर से खोलने संबंधी केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों को लागू करने का दिल्ली सरकार द्वारा आदेश देने के बाद हुआ. कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक के लिए 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद आकाश ने सब्जियां बेचना शुरू कर दिया था. उसने 33 दिन बाद चाय की दुकान फिर से खोली लेकिन काम मंदा है.




उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादा बिक्री नहीं हुई क्योंकि लोग लॉकडाउन के कारण बाहर नहीं निकल रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि 3 मई के बाद स्थिति में सुधार होगा.’’ लॉकडाउन के बीच सरकार द्वारा कुछ छूट की अनुमति देने के सरकारी आदेश पर दिल्ली में मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है. कुछ चाय विक्रेताओं, दर्जी और बिजली के सामान बेचने वाली दुकानें फिर से खुल गई हैं. हालांकि, पश्चिमी दिल्ली के हरिनगर और दक्षिणी दिल्ली के लाजपत नगर सहित कई क्षेत्रों में किराने की दुकानों और दवा दुकानों को छोड़कर अधिकतर दुकानें बंद रहीं.


लक्ष्मी नगर में घरेलू उपयोग की वस्तुओं का कारोबार करने वाले अरविंद अग्रवाल ने कहा कि उन्हें कई ग्राहकों के आने की उम्मीद नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्थिति का जायजा लेने और कुछ सफाई आदि करने के लिए आया था. मुझे उम्मीद है कि अधिक दुकानें खुलने और पाबंदियां हटने के साथ व्यापार पटरी पर आ जाएगा.’’ देशव्यापी लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई तक जारी रहेगा. दिल्ली में सत्तारूढ़ आप के व्यापार और उद्योग इकाई के संयोजक बृजेश गोयल ने कहा कि लक्ष्मीनगर में कई लोगों ने कुछ भ्रम के कारण बाजारों में अपनी दुकानें खोली थीं.


उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि सरकारी आदेश के बाद आवासीय क्षेत्रों में दुकानें खुलेंगी. कोरोना वायरस निरुद्ध क्षेत्रों में दुकानें हालांकि बंद रहेंगी और ऐसे क्षेत्रों में किसी भी व्यावसायिक गतिविधि की अनुमति नहीं है.’’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार 3 मई तक लॉकडाउन के दौरान मोहल्लों की दुकानों को खोलने के लिए केंद्र के दिशानिर्देशों को लागू कर रही है. उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी बाज़ार और मॉल को खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी और कोविड-19 के निरुद्ध क्षेत्र की सभी दुकानें बंद रहेंगी.


उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार यथास्थिति बनाए रखेगी और 3 मई तक लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील नहीं देगी, सिवाय उनके जिनकी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनुमति दी है.’’ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली सहित कई राज्यों के व्यापारियों को इस बात की वजह से अपनी दुकानों को खोलना मुश्किल हो रहा है क्योंकि ‘पड़ोस और मोहल्ले की दुकानों’ की परिभाषा स्पष्ट नहीं है.


उन्होंने कहा कि अकेले दिल्ली में लगभग 75,000 दुकानें हैं, जो आदेश के बाद खोली जा सकती हैं, लेकिन भ्रम की वजह से प्रतिक्रिया फीकी है. सीएआईटी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर ‘पड़ोस या मोहल्ले की दुकानों’ पर और स्पष्टीकरण मांगा. इसमें कहा गया है कि प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच आम सहमति की कमी है, जिसने व्यापारियों को अपनी दुकानें खोलने से रोक दिया है.


दक्षिणपूर्व दिल्ली के जंगपुरा में पंकज कुमार ने 22 मार्च के बाद पहली बार सिलाई की अपनी दुकान खोली. उन्होंने कहा, ‘‘मैं पहले अपना लंबित काम पूरा करूंगा. कोविड-19 ने हमारे काम के ढंग को भी बदल दिया है. लॉकडाउन की समाप्ति के बाद स्थिति सामान्य होने में समय लगेगा.’’


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