Uniform Civil Code: मिजोरम विधानसभा ने समान नागरिक संहिता (UCC) के खिलाफ मंगलवार (14 फरवरी) को प्रस्ताव पास किया. इसमें कहा कि गया कि पूरे देश में कहीं भी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कदम उठाए जाते हैं तो हम इसका विरोध करेंगे.
राज्य के गृह मंत्री लालचामलियाना (Lalchamliana) ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि यूसीसी लागू होता है तो यह देश को बांट देगा. उन्होंने इसका कारण मिजोरम के लोगों, धार्मिक, सामाजिक प्रथाओं, संस्कृतियों और अल्पसंख्यकों की परंपराओं को बताया.
यूसीसी को क्यों बताया विवादित?
लालचामलियाना ने दावा किया कि पहले भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की कोशिश की गई लेकिन ये इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि यह काफी विवादित है. यूसीसी को लेकर बीजेपी सांसद ने राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किया था.
'देश के लिए अच्छा नहीं है'
गृह मंत्री लालचामलियाना ने दावा किया कि हमारे पास अपनी सामाजिक और धार्मिक परंपराएं को सुरक्षित रखने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 371 के तहत है. यूसीसी का लागू होना पूरे देश के लिए अच्छा नहीं है.
उन्होंने कहा कि संविधान के 371जी के मुताबिक, संसद के पास किया गया कोई भी कानून मिजोरम के लोगों की समाजिक प्रथा को प्रभावित नहीं कर सकता. यह तब ही लागू होगा जब इसे राज्य की विधानसभा पास करेगी. साथ ही आरोप भी लगाया कि बीजेपी ने 2018-19 के घोषणापत्र में यूसीसी लागू करने की बात कही थी. बता दें कि यूसीसी के प्रस्ताव को लेकर हुई चर्चा में मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा और बीजेपी के सदस्य बीडी चकमा सहित कई नेता मौजूद रहे.
बीजेपी ने क्या कहा?
बीजेपी के बीडी चकमा (BD Chakma) ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में यूसीसी को लेकर लिखित जवाब दिया है. इसमें उन्होंने बताया है कि समान नागरिक संहिता को अभी लागू करने को लेकर कोई विचार नहीं है,
वहीं इस पर सीएम जोरमथंगा ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध इसके आने से पहले ही करना होगा. उन्होंने दावा किया कि यूसीसी के आने से हिंदुस्तान को नुकसान होगा.
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