(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जेनेवा में सयुंक्त राष्ट्र की बैठक में हुई CAA पर चर्चा, एम जे अकबर और मौलाना उमर इलियासी ने रखा भारत का पक्ष
CAA पर विवाद के बीच भारत ने जेनेवा में ह्यूमन राइट्स काउंसिल की बैठक में अपना पक्ष मजबूती से पेश किया. इस बैठक में भारत की तरफ सांसद एम जे अकबर और मौलाना उमर इलियासी ने सीएए पर रुख साफ किया.
नई दिल्ली: भारत में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर विवाद के बीच भारत ने जेनेवा में ह्यूमन राइट्स काउंसिल की बैठक में अपना पक्ष मजबूती से पेश किया. सम्मेलन में हिस्सा ले रहे भारतीय सांसद एम जे अकबर, मुस्लिम धर्म नेता मौलाना उमर इलियासी समेत यूरोपीय सांसद ने इस कानून समेत भारत में मुसलमानों की स्थिति पर भारत का पक्ष मजबूती से रखते हुए स्पष्ट किया कि भारत में मुस्लिम समुदाय के हालात विश्व में किसी भी और देश से कहीं ज्यादा बेहतर हैं.
पूर्व विदेश राज्य मंत्री और बीजेपी सांसद एम जे अकबर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में सभी धर्मों को बराबर के अधिकार हैं और यही भारतीय सविंधान का आधार है. अकबर ने कांग्रेस सांसद शशि थरुर के हालिया बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शशि थरुर के बयान सच्चाई से परे हैं. उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि नागरिकता कानून से किसी की भी नागरिकता छीनी नहीं जाएगी.
वहीं सम्मेलन में बोलते हुए भारत में मुख्य इमाम मौलाना उमर इलियासी ने कहा कि भारत में मुस्लिम समुदाय की संख्या दुनिया में दूसरी सबसे ज्यादा है और सभी भारत में सविंधान के तहत बराबर का अधिकार प्राप्त है.
पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए मौलाना इलियासी ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के आतंरिक मामलों में दखल देने का कोई हक नहीं है. भारत में मुसलमान जीतने सुरक्षित हैं उतने विश्व में कहीं और नहीं. मौलाना इलियासी ने दोहराया कि नए कानून के बावजूद कहीं का भी कोई भी मुसलमान नागरिकता के लिए कानूनन आवेदन कर सकता है.
भारत के साथ कई यूरोपीय सांसदों ने भी कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत किसी की नागरिकता लेने का कतई कोई प्रावधान नहीं है और इसे लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए.
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