नई दिल्ली: विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि की याचिका दायर कर दी है. एम जे अकबर की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि प्रिया रमानी ने जिस तरीके से विदेश राज्य मंत्री के खिलाफ आरोप लगाए हैं उसे उनके सम्मान को ठेस पहुंचा है लिहाजा प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा चलाया जाए.
क्या कहा गया है याचिका में
पटियाला हाउस कोर्ट में दी गई याचिका में कहा गया है कि एम जे अकबर कई अहम पदों पर रह चुके हैं और रही बात प्रिया रमानी की तो उन्होंने जो आरोप लगाए हैं वह पूरी तरह से बेबुनियाद है और मनगढ़ंत हैं. प्रिया रमानी के इन आरोपों से एम जे अकबर की मानहानि हुई है. एमजे अकबर की तरफ से दायर अर्जी में कहा गया है कि प्रिया रमानी ने जो आरोप लगाए हैं उसके मुताबिक घटना 20 साल पहले की है जबकि उसके बाद में ही प्रिया रमानी ने खुद कहा है कि एम जे अकबर ने कुछ भी गलत नहीं किया, तो भला 20 साल बाद इस तरीके से आरोप लगाने का क्या मकसद हो सकता है.
कैसे बढ़ेगी अदालती कार्रवाई
एम जे अकबर की तरफ से दायर याचिका पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अगले कुछ दिनों में सुनवाई हो सकती है. अदालत में होने वाली सुनवाई के दौरान सबसे पहले विदेश राज्य मंत्री की तरफ से अदालत में वह तथ्य और सबूत पेश किए जाएंगे जिसके आधार पर उन्होंने मानहानि की बात कही है. सबूत और तथ्य पेश हो जाने के बाद अदालत में एम जे अकबर अपना बयान दर्ज करवाएंगे. अगर अदालत सबूत तथ्य और बयान को देखने के बाद इस नतीजे पर पहुंचता है कि एमजे अकबर की मानहानि हुई है तो फिर को इस मामले में प्रिया रमानी को आरोपी के तौर पर समन भेजकर अदालत में पेश होने का आदेश जारी कर सकती है.
एमजे अकबर ने जारी किया था बयान
इससे पहले रविवार को विदेश से लौटने के बाद एम जे अकबर ने अपने वकीलों से सलाह मशवरा कर प्रेस में एक बयान जारी किया. उस बयान में एम जे अकबर की तरफ से कहा गया था कि उनके ऊपर जितने भी आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरह से बेबुनियाद हैं जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है. एम जे अकबर ने अपने बयान में यह भी कहा था कि यह आरोप इस वजह से भी लगाए जा रहे हैं क्योंकि 2019 का लोकसभा चुनाव करीब आ रहा है.
जानिए किस महिला ने लगाए क्या आरोप
प्रिया रमानी ने लिखा
ये तथ्य एम जे अकबर के बारे में लिखने से शुरू कर रही हूं. उनके बारे में बहुत सारी महिलाओं के बुरे अनुभव हैं. उम्मीद हैं वो भी इसे साझा करेंगी. आपने मुझे करियर में पहला पाठ पढ़ाया. मैं 23 की थी और आप 43 के. आप को पढ़ते हुए मैं बड़ी हुई थी, प्रोफेशनली आप मेरे हीरो थे. सभी लोग कहते थे आपने देश की पत्रकारिता को बदल दिया है, इसलिए मैं आपकी टीम का हिस्सा बनना चाहती थी. आपने मुझे इंटरव्यू के लिए साउथ मुंबई के एक होटल में बुलाया. शाम के 7 बज रहे थे. होटल की लॉबी में पहुंचकर मैंने आपको फोन किया, आपने कहा आ जाओ. रूम में पहुंची तो वहां डेटिंग जैसा माहौल ज्यादा था, इंटरव्यू का कम. आपने अपने मिनी बार से मुझे ड्रिंक ऑफर किया, मैंने मना कर दिया. आपने वोदका ली, एक छोटे टेबल पर मैं और आप इंटरव्यू के लिए आमने-सामने थे. वहां से मुंबई का मरीन ड्राइव जिसे क्वींस नेकलेस कहते हैं, दिख रहा था. आपने कहा कितना रोमांटिक लग रहा है, आपने हिंदी फिल्म का पुराना गाना सुनाया और मुझसे संगीत पर मेरी रुचि के बारे में पूछने लगे. रात बढ़ती जा रही थी, मुझे घबराहट हो रही थी. कमरे में बिस्तर भी था, आपने कहा यहां आ जाओ, यहां बैठ जाओ, मैंने कहा नहीं मैं कुर्सी पर ही ठीक हूं. उस रात मैं किसी तरह बच गई, आपने मुझे काम दे दिया, मैंने कई महीने आपके साथ काम किया, लेकिन तय कर लिया कभी आपसे रूम में अकेले नहीं मिलूंगी. सालों बाद भी आप नहीं बदले . आपके यहां जो भी नई लड़की काम करने आती थी, आप उसपर अपना अधिकार समझते थे. आप उन्हें प्रभावित करने के लिए गंदी-गंदी तरकीबें अपनाते थे. उनसे कहते थे- मेरी तरफ देखो, पूछते थे क्या तुम्हारी शादी हो गई है, कंधा रगड़ते थे. आप भद्दे फोन कॉल और मैसेज करने में एक्सपर्ट हैं. आप जानते हैं कि कैसे चुटकी काटी जाए. थपथपाया जाए, जकड़ा जाए और हमला किया जाए, आपके खिलाफ बोलने की अब भी भारी कीमत चुकानी पड़ती है. ज्यादातर युवा महिलाएं यह कीमत अदा नहीं कर सकतीं.
प्रेरणा सिंह
प्रिया रमानी की तरह ही प्रेरणा सिंह ने भी उन पर आरोप लगाते हुए लिखा, "वो एक शानदार संपादक थे जो राजनीतिक में डूबे रहते थे. उन्होंने मुझे मेरी पहली नौकरी के दौरान 'काम के बारे में चर्चा करने के लिए' अपने होटल के कमरे में बुलाया. जब मैंने ऐसी बातों के लिए मना किया तो उन्होंने काम के दौरान मेरी जिंदगी को नर्क बना दिया. मैं अपनी कई मजबूरियों की वजह से कभी कुछ नहीं कह पाई लेकिन हां #MeTooIndia."
शूमा रहा
प्रिया रमानी के ट्वीट पर जवाब देते हुए शूमा रहा लिखती हैं कि ऐसी ही घटना उनके साथ भी हुई थी. उनके साथ कोलकाता के ताज बंगाल में एमजे अकबर ने ऐसा ही किया था. शूमा लिखती है कि ऐसी घटना के बाद उन्होंने नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया. हालांकि, उन्होंने ये भी लिखा है कि वो साफ कर देना चाहती हैं कि अकबर ने उनके साथ कुछ किया नहीं था. लेकिन होटल में इंटरव्यू के नाम पर शराब पीने के लिए बुलाए जाने और इससे जुड़ी बाकी के अनुभव काफी असहज कर देने वाले थे. अकबर पर आरोपों की शुरुआत प्रिया रमानी के ट्वीट से हुई जिनमें उन्होंने इस दिग्गज पत्रकार पर यौन शोषण के आरोप लगाए.
क्या है #MeToo
MeToo Movement: आजकल सोशल मीडिया पर #MeToo नाम से एक कैंपेन चलाया जा रहा है. इसके जरिए महिलाएं अपने साथ हुए सेक्सुअल असॉल्ट की घटना के बारे में खुलकर बात कर रही हैं. सोशल मीडिया पर महिलाएं अपने बुरे अनुभवों को शेयर करते हुए बता रही हैं कि किस तरह से वर्क प्लेस पर पुरुषों ने उनका फायदा उठाया. शुरुआत में तो इस हैशटैग के जरिए मशहूर महिला कलाकारों ने अपने साथ हुए सेक्सुअल असॉल्ट की घटनाओं को शेयर किया, लेकिन अब इस मुहिम में आम महिलाएं भी अपने बुरे अनुभव शेयर कर रही हैं. फिल्म डायरेक्टर विकास बहल पर एक महिला की ओर से सेक्सुअल असॉल्ट का आरोप लगाए जाने के बाद से भारत में इस मुहिम को काफी ज्यादा समर्थन मिल रहा है. हाल में, तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर के बीच के विवाद ने इस मुहिम को हवा दी थी.
इस मुहिम के शुरुआत के बाद अब धीरे-धीरे महिलाएं अपनी चुप्पी तोड़ रही हैं. पहले वो किसी दबाव की वजह से कुछ भी कहने से बचती थीं, लेकिन अब वहीं महिलाएं खुलकर अपनी बातें #MeToo कैंपेन के तहत कह रही हैं. इस मुहिम की वजह से अब वो लोग डरने लगे हैं जिन्होंने कभी-भी किसी महिला के साथ गलत व्यवहार किया है. हालांकि, इस मुहिम से जस्टिस जैसी कोई बात तो नहीं हो रही है लेकिन कम-से-कम इससे समाज में ये संदेश तो मिल रहा है कि अब महिलाएं अब और यौन शोषण नहीं सहेंगी. अब कोई पुरुष वर्क प्लेस पर या कहीं भी अपनी पॉवर का इस्तेमाल करके किसी महिला का फायदा उठाने से पहले दस बार सोचेगा. लेकिन #MeToo कोई ऐसा मामला नहीं है, जो पहली बार आया है, बल्कि इसकी शुरुआत हॉलीवुड से होती है.