नई दिल्लीः पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे में पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में बयान दर्ज करवाते हुए कहा कि प्रिया रमानी ने झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाते हुए मेरी मानहानि की है और इसी वजह से मैंने विदेश राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दिया.

अदालत में अपना बयान दर्ज करवाते हुए एमजे अकबर ने कहा

'कलकत्ता से पढ़ाई पूरी करने के बाद पत्रकारिता शुरू कर दी थी और इसके बाद एक बड़ी साप्ताहिकी मे लिखना शुरू किया था. कम उम्र में ही मुझे कोलकाता में संडे पत्रिका में एडिटर की नौकरी मिल गयी जो उस वक़्त की बड़ी राजनैतिक पत्रिका थी. 1993 में इंडिया टुडे में एडिटोरियल टीम में आया और उसे पहले एशियन एज में रहा. मैंने कई किताबें लिखी और अपनी उन किताबों की सूची कोर्ट रखना चाहता हूं. अभी मैं मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद हूं और मैं 2014 में सार्वजनिक जीवन मे आया और उसके बाद बीजेपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना. 2015 में झारखंड से राज्यसभा सदस्य बना और 2016 से मध्यप्रदेश से सांसद हूं. 2016 में ही मुझे पीएम और भारत सरकार की तरफ से राज्यमंत्री की ज़िम्मेदारी मिली.'

आगे अपना बयान दर्ज करवाते हुए एम जे अकबर ने कहा कि प्रिया रमानी ने एक के बाद एक ट्वीटस किये. पहले ट्वीट की मुझे जानकारी तब मिली जब मैं अफ्रीका के विदेश दौरे से वापस लौटा. साथ ही उन्होनें ट्वीट के रीट्वीट्स और लाइक के बारे में भी जानकारी कोर्ट को बताई. प्रिया का ट्वीट जिसमे उन्होंने वोग मैगज़ीन के आर्टिकल के बारे में ज़िक्र किया था. उस आर्टिकल का एक इतिहास था, वो पहली बार अक्टूबर 2017 में पब्लिश हुआ था. एम जे अकबर ने उस आर्टिकल को कोर्ट के सामने रखा और उसमे क्या आपत्तिजनक था उसका भी ज़िक्र किया.

अकबर ने कहा कि प्रिया ने 10 अक्टूबर और 13 अक्टूबर को जो ट्वीट किए उससे मेरी मानहानि हुई क्योंकि उन ट्वीटस को अखबारों और सोशल मीडिया ने उठाया. ट्वीट के पहले ही वाक्य में खामी थी. 2017 के वोग आर्टिकल में मेरा नाम नहीं था. जब रमानी से पूछा गया की नाम क्यों नहीं लिया तो उन्होंने कहा कि मैंने (एम जे अकबर) ने कुछ नहीं किया था. ये बात 8 अक्टूबर 2018 के ट्वीट में भी कही गयी थी.

एमजे अकबर ने अपना बयान दर्ज करवाते हुए कहा कि प्रिया रमानी के इन ट्वीट्स और आरोपों की वजह से मेरा परिवार, मेरे दोस्त और मेरे जानने वाले सभी बहुत आहत हुए. लोग बार-बार मुझसे कॉल कर इन आरोपों पर जवाब मांग रहे थे इससे मेरी छवि को बहुत नुकसान पहुंचा. प्रिया रमानी के झूठे और मनगढंत आरोपों की वजह से मेरे मान की हानि हुई है.

मेरे ऊपर निजी तौर पर ये हमला हुआ, जिस घटना का ज़िक्र किया वो 2 दशक से पुरानी है. लेकिन क्योंकि ये मामला निजी था और इस पर मेरे पद का कोई प्रभाव म पड़े इस वजह से मैंने राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया. मेरी छवि को बहुत नुकसान हुआ. जिसके बाद मैंने अदालत में ये आपराधिक मानहानि का मुक़दमा दायर किया. मेरी शिकायत पूरी तरह से सही है.

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