तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने फर्जी एनसीसी कैंप में 13 नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण के मामले की जांच विशेष जांच दल (SIT) को सौंपने का फैसला किया है. इसके लिए उन्होंने एसआईटी टीम गठित करने का आदेश दे दिया है.


कृष्णागिरि जिले में हाल ही में नेशनल कैडेट कोर (NCC) के नाम पर शिविर लगा था, जो कि एक फर्जी कैंप था. एनसीसी ने ऐसा कोई कैंप नहीं लगाया था. कैंप में 13 नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का मामला सामने आया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस पर स्वत: संज्ञान लिया है और पुलिस प्रशासन से जल्द से जल्द जांच पूरी करके आरोपियों को हिरासत में लेने को कहा है. बुधवार (21 अगस्त, 2024) को राज्य सरकार ने कहा कि मामले की जांच एसआईटी करेगी.


राज्य सरकार ने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी के. भवनेश्वरी विशेष जांच दल (SIT) का नेतृत्व करेंगी. मुख्यमंत्री स्टालिन ने उन्हें मामले की जांच में तेजी लाने और 60 दिनों के भीतर आरोप-पत्र दायर करने का काम सौंपा है.


एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, सीएम स्टालिन ने ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए उपाय सुझाने के लिए बहु-विषयक दल (MDT) गठित करने का भी निर्देश दिया है. समाज कल्याण विभाग की सचिव जयश्री मुरलीधरन एमडीटी का नेतृत्व करेंगी और इसमें अन्य लोगों के अलावा पुलिस और स्कूल शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.


तमिलनाडु के कृष्णागिरि जिले के बरगुर में फर्जी एनसीसी शिविर में आठवीं कक्षा की एक छात्रा का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था, जिसके बाद इस मामले में अब तक मुख्य संदिग्ध सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. विज्ञप्ति में कहा गया कि इस बात की जांच की जा रही है कि क्या इसी तरह के और भी फर्जी प्रशिक्षण शिविर संचालित किए जा रहे हैं. इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को इस घटना में शामिल लोगों को कड़ी सजा दिए जाने का निर्देश दिया है.


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