MK Stalin Writes Letter to PM Modi: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. जिसके माध्यम से गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी भाषा वाले समारोह के आयोजन पर अपना विरोध व्यक्त किया है. उन्होंने चिट्ठी में अनुरोध करते हुए कहा है कि वह केंद्र के उस फैसले पर दोबारा गौर करें, इससे बचा जा सकता है.
दरअसल, यह खत चेन्नई दूरदर्शन के स्वर्ण जयंती समारोह से पहले आया है, जिसे 18 अक्टूबर, 2024 को हिंदी माह समारोह के साथ जोड़ा जा रहा है. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता तमिलनाडु के राज्यपाल करेंगे.
'संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं देता'
अपनी चिट्ठी में स्टालिन ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत का संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं देता है, हिंदी और अंग्रेजी का उपयोग केवल आधिकारिक उद्देश्यों जैसे- कानून, न्यायपालिका और संघ और राज्य सरकारों के बीच संचार के लिए किया जाता है. उन्होंने तर्क दिया कि तमिलनाडु जैसे गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी माह मनाना अन्य भाषाओं के महत्व को कम करने का प्रयास माना जा सकता है.
'स्थानीय भाषा के उत्सव को समान रूप से मिले बढ़ावा'
स्टालिन ने सुझाव दिया कि अगर केंद्र सरकार इस तरह के आयोजन जारी रखती है तो उसे संबंधित राज्यों में स्थानीय भाषा माह के उत्सव को समान रूप से बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने आगे प्रस्ताव दिया कि भारत सरकार देश की विविध भाषाई संस्कृतियों के बीच मजबूत बंधन और सम्मान को बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने राज्यों में संघ द्वारा मान्यता प्राप्त सभी शास्त्रीय भाषाओं की समृद्धि का जश्न मनाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करे.
चिट्ठी में भारत की बहुभाषी विरासत को पोषित करने के महत्व और किसी एक भाषा को विशेष दर्जा देने से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया गया, स्टालिन का कहना है कि देश भर में भाषाई विविधता को समान गर्मजोशी और सम्मान के साथ मनाया जाए.
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