Why Congress Lose In Gujarat: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) में कांग्रेस की बुरी हार हुई है. 2017 के विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीतने वाली पार्टी इस बार महज 17 सीटों पर सिमटकर रह गई. कांग्रेस की हार की वैसे तो कई वजह हो सकती हैं लेकिन एक मुख्य वजह राहुल गांधी का गुजरात की धरती से परहेज करना है. पिछली बार के चुनाव में राहुल गांधी ने गुजरात में धुआंधार रैलियां की थीं लेकिन इस बार वह 'भारत जोड़ो यात्रा' में इतना व्यस्त थे कि गुजरात के लिए समय ही नहीं निकाल पाए.
कांग्रेस के एक मात्र मुस्लिम विधायक इमरान खेड़ावाला, जिन्होंने जमालपुर-खड़िया सीट से जीत हासिल की है, ने भी इस पर सवाल खड़े किए. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि राहुल गांधी 'भारत जोड़ो यात्रा' में व्यस्त थे, जिसकी योजना एक साल पहले बनाई गई थी. उन्होंने कहा, "यह आपको दिल्ली से पूछना होगा कि उनकी यात्रा में गुजरात को शामिल क्यों नहीं किया. शायद, दिल्ली स्तर पर पार्टी को गुजरात पर विचार करना चाहिए था और यहां अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए था."
गुजरात में कांग्रेस के लिए क्या गलत हुआ?
खेड़ावाला ने कहा कि इस बार 'आप' (AAP) की वजह से कांग्रेस का वोट बंटा जबकि बीजेपी (BJP) का वोट बरकरार रहा. उन्होंने कहा कि बीजेपी से असंतुष्ट लोगों ने कांग्रेस की बजाय आम आदमी पार्टी को वोट दिया. खेड़ावाला ने कहा, "मेरी सीट (जमालपुर-खड़िया) में AIMIM ने भी लगभग 15,000 वोट लेकर मेरे वोट शेयर को नुकसान पहुंचाया. वहीं आप ने इवेंट मैनेजमेंट के जरिये अपना प्रचार आउटसोर्स किया. उनके पास संगठन या बूथ स्तर के कार्यकर्ता नहीं हैं. हमारे पास वह सब था, हमारा बूथ प्रबंधन अच्छा था और हमारा घर-घर प्रचार भी अच्छा था."
कांग्रेस विधायक ने कहा, ''मेरा मानना है कि हम अपने घोषणापत्र को अच्छी तरह से लोगों तक नहीं पहुंचा पाए. इसी के साथ बीजेपी के मुकाबले हमारा प्रचार कमजोर था. पार्टी ने हमें चुनाव से दो महीने पहले पत्रक, विज्ञापन सामग्री, एलईडी वैन आदि संसाधन उपलब्ध कराए लेकिन इनका उपयोग करना उम्मीदवार पर निर्भर है. मैं मानता हूं कि प्रबंधन और व्यवस्था में कुछ कमी थी.'' उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के साथ कुछ कम्युनिकेशन गैप था.
'उनके ना आने से हुआ नुकसान'
कांग्रेस विधायक ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की रैलियां न होने पर भी गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कहा, "राहुल जी, प्रियंका जी, सोनिया जी और अन्य राष्ट्रीय स्तर के कांग्रेस नेताओं की रैलियां होनी चाहिए थीं. उनके न आने से निश्चित रूप से कांग्रेस को नुकसान पहुंचा है."
क्या बागियों ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल?
इस जवाब पर विधायक खेड़ावाला ने कहा कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले कई लोगों की हार हुई है और कुछ जीत गए हैं. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इसका प्रभाव पड़ा है. एक विधायक के पार्टी बदलने का मतलब यह नहीं है कि पार्टी के कार्यकर्ता भी बदल रहे हैं. वे कांग्रेस के साथ बने रहे."