महाराष्ट्र में मराठी भाषा की अस्मिता को लेकर आंदोलन होते रहते हैं. इस बार मराठी भाषा की अस्मिता को लेकर मनसे ने एमेजॉन को निशाने पर ले लिया है. एमेजॉन के ऐप में प्रादेशिक भाषाएं लगभग हर प्रदेश की मौजूद हैं केवल मराठी भाषा की ही नहीं है. मराठी भाषा में प्लेटफार्म सर्विसेज देने को लेकर मनसे और एमेजॉन के बीच लंबे समय से बातचीत जारी थी. आज मनसे कार्यकर्ताओं ने अमेजॉन के कार्यालयों के बाहर पोस्टर लगाकर विरोध किया.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की भाषा मराठी है, राज ठाकरे की पार्टी मनसे अपनी स्थापना के साथ ही मराठी अस्मिता की राजनीति करती रही है. मामला ये है कि एमेज़ॉन के एप पर यूजर्स के लिए देश की लगभग हर प्रमुख भाषा उपलब्ध हैं पर मराठी भाषा नदारद थी. इसे लेकर लंबे समय से मनसे आवाज उठा रही थी.
एमेजॉन और मनसे की बीच बातचीत जारी थी आज मनसे ने ऐमेज़ॉन का विरोध करने के लिए एमेजॉन की वेयरहाउसेस पर पोस्टर बैनर लगाए नारेबाजी की और सड़कों पर लगे होल्डिंग पर कालिख पोत दी. मनसे नेताओं का कहना है कि महाराष्ट्र में व्यवसाय करना है तो यहां की मातृभाषा का ध्यान रखना पड़ेगा, मराठी को सम्मान देना पड़ेगा. उनकी यह भी मांग है कि कंपनी महाराष्ट्र में करोड़ों रुपए कमाती हैं, मराठी लोगों से कमाते हैं. मराठी लोग पिटिशन भी डाल चुके हैं पर एमेजॉन वाले मान नहीं रहे, अगर अभी भी नहीं माने तो महाराष्ट्र में एमेजॉन को चलने नहीं देंगे.
दरअसल एमेजॉन के प्लेटफार्म पर मराठी भाषा का मुद्दा पहली बार नहीं उठा है, मनसे पहले भी एमेजॉन से मांग कर चुका है. लोगों ने भी मुहिम चलाई थी. एमेजॉन ने कहा था कि कुछ दिनों में सुधार लेंगे पर अब एमेज़ॉन ने कानूनी तौर पर अपील की है कि मनसे कार्यकर्ताओं को उनके ऑफिस पर मैसेज से दूर रखा जाए. इसी पर मनसे कार्यकर्ता भड़क उठे हैं मनसे ने मुहिम शुरू की है.