MNS Chief Withdraw Akshay Tritia Maha Aarti: महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के अध्यक्ष (MNS Chief) राज ठाकरे ने अक्षय तृतीया के दिन महा आरती करने का फैसला वापस ले लिया है. एमएनएस के इस फैसले में कहा गया है कल ईद का त्योहार है और किसी भी धर्म के त्योहार में वो व्यवधान उत्पन्न नहीं करना चाहते हैं. उनका उद्देश्य के अन्य धर्म के त्योहार में व्यवधान उत्पन्न करना नहीं है. आपको बता दें कि इसके पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के साथ मिलकर 3 तारीख को अक्षय तृतीया के मौके पर महाराष्ट्र में महाआरती करने का कार्यक्रम घोषित किया था. महाराष्ट्र के सभी प्रमुख मंदिरों में लाऊडस्पीकर लगाकर आरती की जानी थी.
एमएनएस चीफ ने इस आरती के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है. उन्होंने कहा, ईद के त्यौहार मे कोई खलल न आये इस लिए ये निर्णय लिया गया है. लेकिन 4 तारीख को मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा लगाने पर एम एन एस कायम है. इसके पहले एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) लाउडस्पीकर विवाद के बीच औरंगाबाद में रैली की थी. राज ठाकरे की औरंगाबाद रैली (Aurangabad Rally) के बाद महाराष्ट्र की उद्धव सरकार (Uddhav Government) एक्टिव हो गई है. राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल (Dilip Walse Patil) महाराष्ट्र के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ आज रात बैठक कर सकते हैं.
राज ठाकरे को शर्तों के साथ रैली की अनुमति दी गई थीः दिलीप वलसे पाटिल
वहीं महाराष्ट्र पुलिस आज बैठक में राज ठाकरे के भाषण के बाद राज्य के संवेदनशील हिस्सों में पुलिस बंदोबस्त कैसा हो, इसके बारे में रात में बैठक के दौरान विस्तार से चर्चा की जाएगी. राज ठाकरे ने औरंगाबाद रैली के दौरान कहा था कि अगर लाउडस्पीकर को मस्जिद से हटाने की मांग नहीं मानी गई तो 4 मई को जवाब देंगे. एबीपी न्यूज़ के साथ बातचीत के दौरान दिलीप वलसे पाटिल ने बताया कि राज ठाकरे को रैली शर्तों के साथ दी गई थी. लेकिन जिन शर्तों का उल्लंघन हुआ है, इसके बारे में औरंगाबाद पुलिस कमिश्नर जांच कर रहे हैं. वे अपनी रिपोर्ट डीजी को भेज देंगे. उन्होंने आगे कहा कि अगर समाज में बांटने वाला जो बयान दिया है वो ठीक नहीं है, लेकिन उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही किसी तरह की कार्रवाई की जाएगी.
अगर मुस्लिमों के खिलाफ लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हुआ तो कार्रवाई होगीः पाटिल
दिलीप वलसे पाटिल ने बताया कि हनुमान चालीस पाठ करने पर कोई रोक नहीं है. लोग अपने-अपने घरों में करे. लेकिन मस्जिद के सामने जाकर किसी समुदाय से टकराव की कोशिश की जाएगी तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि इसके बारे में सुप्रीम कोर्ट का आदेश साफ है कि सुबह छह बजे से रात के 10 बजे तक लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने की इजाजत कानून से दी गई है. कानून से इजाजत लेकर कोई इसका इस्तेमाल करता है तो इसे कोई रोक नहीं सकता है. उसके बाद की अनुमति नहीं है. पाटिल ने बताया कि अगर कोई मुस्लिम लोगों के खिलाफ लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करता है तो इसके खिलाफ जरूर कार्रवाई की जाएगी.
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