बीजेपी की राह पर शिवसेना, बीएमसी चुनाव से पहले दूसरी पार्टी के नेताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश में उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे के करीबी राजेश कदम ने सोमवार रात शिवसेना का हाथ थाम लिया. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में कदम शिवसेना में शामिल हुए.
मुंबई: महाराष्ट्र में जल्द ही महानगर पालिका चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले सत्तारूढ़ पार्टी शिवसेना एक्शन में है. ऐसा लग रहा है कि शिवसेना भी अब बीजेपी की राह पर चल रही है. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह सत्ताधारी बीजेपी ने सत्ता का इस्तेमाल कर दूसरी पार्टी के नेताओं को अपने पाले में किया था, ठीक वही पैंतरा अब शिवसेना भी अपनाती दिख रही है.
दरअसल, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे के करीबी राजेश कदम ने सोमवार रात शिवसेना का हाथ थाम लिया. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में कदम शिवसेना में शामिल हुए. कदम के साथ उनके कई समर्थक भी शिवसेना में शामिल हुए. एमएनएस के डोंबिवली अध्यक्ष राजेश कदम का राज ठाकरे का साथ छोड़ना पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. राज ठाकरे ने शिवसेना का साथ छोड़ने के बाद जब एमएनएस की स्थापना की थी, तब से राजेश कदम उनके साथ थे. कल्याण डोंबिवली इलाके में एमएनएस को मज़बूत करने में कदम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इससे पहले नवी मुंबई के बीजेपी के 5 नगर सेवक भी पार्टी का साथ छोड़ शिवसेना में शामिल हो चुके हैं.
बीजेपी की राह पर शिवसेना आपको याद होगा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने भी कुछ इसी तरह दूसरी पार्टी के मजबूत नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराया था. इसका नतीजा ये रहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. लेकिन ये सीटें सरकार बनाने के लिए काफी नहीं थीं. मुख्यमंत्री पद की लालसा में शिवसेना ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया. शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर अपनी सरकार बना ली. अब शिवसेना सत्ता में है, सीएम पद भी उसके पास है. ऐसे में दूसरी पार्टी में नाराज चल रहे नेताओं को अपने पाले में लाना शिवसेना के लिए आसान है और इस मौके का शिवसेना पूरी तरह से फायदा उठाने की कोशिश भी कर रही है.
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