सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब मनसे की चेतावनी- मुंबई में दुकानों के बाहर 4 दिन में लगाएं मराठी साइन बोर्ड वरना...
Marathi Signboards: SC का आदेश आने के बाद MNS ने भी मुंबई की सभी दुकानों के बाहर लगे साइन बोर्ड को 4 दिन के भीतर मराठी में करने का अल्टीमेटम दिया है. MNS ने कई इलाकों में पोस्टर चस्पा किए हैं.
Marathi Signboards: सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर तक मुंबई स्थित सभी दुकानदारों को मराठी साइन बोर्ड के नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है. इस आदेश के आने के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने बुधवार (22 नवंबर) को मुंबई के चेंबूर इलाके में पोस्टर लगाकर मुंबईकरों को 4 दिनों का अल्टीमेटम दिया है. पोस्टर में मनसे ने धमकी भरे लहजे में लिखा है कि अगर मराठी साइन बोर्ड नहीं लगाया तो मनसे का एक्शन देखना.
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने एबीपी न्यूज को बताया कि उनकी पार्टी पिछले कई सालों से मराठी साइन बोर्ड को लेकर आवाज उठाती रही है. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इनका लगाना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि अगर इन आदेशों का पालन नहीं किया गया तो फिर मनसे स्टाइल में करवाया जाएगा.
ट्रेडर्स एसोसिएशन की सलाह- मराठी साइन बोर्ड नहीं लगाने वाले रहें अलर्ट
मनसे की पोस्टरबाजी पर फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने एबीपी न्यूज को बताया कि एमएनएस के पोस्टर्स का स्वागत करते हैं. वो हमारा काम आसान कर रहे हैं. इससे वो लोग सतर्क रहेंगे जिन्होंने मराठी साइनबोर्ड नहीं लगाए हैं.
80 फीसदी दुकानदारों ने किया नियमों का पालन
इस बीच देखा जाए तो मुंबई में 5.5 से 6 लाख दुकानदार हैं जिनमें से 80 फीसदी दुकानों ने नियमों का पालन किया है. मनसे के पोस्टर्स मामले से लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति खराब नहीं हो, इसे सुनिश्चित करने का काम मुंबई पुलिस का है. बीएमसी खुद करवाई करेगी. आदेशों का अनुपालन नहीं होने की स्थिति में बीएमसी 1 लाख रुपए का जुर्माना भी वसूलेगी. वहीं, प्रति दिन 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगेगा जब तक बोर्ड नहीं बदले जाते हैं.
चेंबूर इलाके में कई दुकानों पर दिखे अंग्रेजी भाषा के बोर्ड
मुंबई में मराठी साइन बोर्ड लगाने के आदेश के अनुपालन को लेकर एबीपी न्यूज ने अधिकतर इलाकों की ग्राउंड रिपोर्ट ली, जहां अधिकांश दुकानों पर मराठी भाषा लिखे बोर्ड लगे थे. चेंबूर के स्टेशन परिसर में कई ऐसी दुकानें नजर आईं जहां मराठी साइन बोर्ड नहीं लगाए गए थे. केवल अंग्रेजी भाषा के बड़े नाम देखे गए. यहां पर मनसे ने पोस्टर लगाए हैं.
मनसे की चेतावनी के बाद जल्द बदले जाएंगे बोर्ड
नियमों के अनुसार, मराठी भाषा भी अंग्रेजी के बराबर ही बोर्ड पर लिखी होनी चाहिए. फैशन वर्ल्ड, टाटा टेक्सटाइल और समसोनाइट के मालिकों ने एबीपी न्यूज को बताया कि उन्होंने न्यूज नहीं पढ़ी. कुछ ने मराठी साइनबोर्ड लगाए थे लेकिन बारिश के कारण खराब हो गए. कुछ का कहना है कि 4 दिनों के भीतर यह कार्य हो जाएगा. मनसे की चेतावनी पर कहा कि जल्द से जल्द बोर्ड बदले जाएंगे.
मनसे नेता बोले- शत-प्रतिशत साइन बोर्ड पर काम हो
चेंबूर विधानसभा के मनसे नेता मौली थोरावे की तरफ से क्षेत्र में पोस्टर लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि यह सभी मुंबईवासियों के लिए एक चेतावनी और रिमाइंडर है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं होता है तो मनसे अपनी स्टाइल में तोड़फोड़ करके यह करवाएगा. ट्रेडर्स एसोसिएशन के 80 फीसदी काम पूरा होने के बयान पर मौली ने कहा कि यह शत-प्रतिशत पूरा होना जरूरी है.
इस मामले पर आम मुंबईकरों का कहना है कि अन्य राज्यों जैसे कि दक्षिण भारत और गुजरात में जहां जगह-जगह उनकी मातृभाषा का सम्मान किया जाता है, मुंबई में सभी लोग मतलबी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन अनिवार्य है. मुंबईकरों ने मनसे के पोस्टरों का समर्थन भी किया.
शिवसेना-यूबीटी और कांग्रेस नेताओं ने जाहिर की प्रतिक्रिया
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने एबीपी न्यूज को बताया कि कोर्ट से बड़ा कोई नहीं. इसमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को बीच में आने की जरूरत नहीं है, अल्टीमेटम दिया, ठीक है, लेकिन कानून हाथ में लेना गलत बात है. वहीं, कांग्रेस के नेता अतुल लोंढे ने बताया कि अदालती आदेशों का पालन करना अनिवार्य है.
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