Maharashtra Government: महाराष्ट्र में टोल नाकों को लेकर राज ठाकरे की पार्टी ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने राज्य सरकार को धमकी भरे लहजे में कहा है कि अगर छोटी गाड़ियों से टोल वसूला जाएगा तो हमारे कार्यकर्ता उसका विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर हमारे कार्यकर्ताओं को किसी ने रोकने की कोशिश की तो हम टोल बूथ जला देंगे.
राज ठाकरे के इस ऐलान के बाद मनसे (एमएनएस) कार्यकर्ताओ ने मुंबई के मुलुंड टोल नाके के एक केबिन को आग के हवाले कर दिया. दरअसल, बीते 5 दिनो से मनसे के नेता और कार्यकर्ता मुंबई के 5 प्रमुख टोल में से एक मुलुंड ठाणे टॉल पर भूख हड़ताल पर बैठे थे. 4 दिन तक कोई बदलाव नहीं आया तो खुद राज ठाकरे उनसे मुलाकात करने पहुंचे.
राज ठाकरे ने दी टोल नाकों को जलाने की धमकी
राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को समझाया कि वो खुद सरकार से इस बारे में बात करेंगे. दूसरे दिन राज ठाकरे ने अपने घर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान पर निशाना साधा कि केवल बड़े वाणिज्यिक वाहनों से ही टोल वसूली की जाएगी. इसी दौरान राज ठाकरे ने टोल नाकों को जलाने की धमकी दी.
मनसे प्रमुख ने टोल वसूली को महाराष्ट्र का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है. उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी और शिवसेना (शिंदे) को टोल मुक्त महाराष्ट्र के साल 2014 के चुनावी वादे की याद दिलाई, जिसके बाद मुलुंड टोल नाके पर मनसे कार्यकर्ताओं ने टोल पर स्थित एक केबिन को आग लगा दी.
टोल के दाम बढ़ने पर मनसे ने जताया एतराज
वहीं, आगजनी के बाद मुलुंड टोल नाके पर मुंबई पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी हैं. गौरतलब है कि 1 अक्टूबर को टोल की दर 5 रुपये बढ़ा दी गई थी. जहां कार से अब 40 के बदले 45 रुपये वसूले जाएंगे. टोल के कलेक्शन और देखभाल का ठेका MSRDC (महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) ने 2026 तक के लिए मुंबई एंट्री प्वाइंट इन्फ्रास्ट्रक्चर (MEP) नाम की कंपनी को दिया है .
ये कॉन्ट्रैक्ट मुंबई के पांचों टोल पर लागू होता है. रोजाना इन पांचों टोल में से 1.5 करोड़ से 1.8 करोड़ रुपये कमाए जाते हैं. एबीपी न्यूज ने मुंबई के पांचों टोल में से मुलुंड ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे टोल, मुलुंड एलबीएस मार्ग टोल और ऐरोली टोल नाके का जायजा लिया. तीनों टोल बूथों पर मुंबई पुलिस तैनात दिखी.
मनसे नेता की गिरफ्तारी पर फूंका टोल केबिन
ठाणे और पालघर जिले के मनसे अध्यक्ष अविनाश जाधव पिछले 5 दिनों से मुलुंड टोल नाका पर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. एक दिन पहले अविनाश जाधव को मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया और फिर शाम को रिहा कर दिया. इसी दौरान मनसे कार्यकर्ताओं ने केबिन में आग लगा दी.
इस मुद्दे पर नेता अविनाश जाधव ने बताया कि खुद एकनाथ शिंदे ने 2012 में टोल बंद करने के लिए एक याचिका दायर की थी, लेकिन सीएम बनते ही वो भूल गए. फिलहाल इस पूरे टोल बवाल के बाद मनसे ने इसे अभी सिर्फ ट्रेलर बताया है.
'...कल कई और टोल जलेंगे'
मनसे का कहना है कि अगर राज्य सरकार हमारी बात नहीं मानेगी तो हमारी ताकत पूरे महाराष्ट्र में देखी जाएगी. आज एक टोल जलाया है, कल कई और टोल जलेंगे. मनसे ने कहा कि जब रोड अच्छे नहीं दिए जा रहे हैं तो टोल का दर किस कारण से हर साल बढ़ाया जाता है. राज्य सरकार लोगों को लूटने का काम कर रही है और इसीलिए हम तब तक खिलाफ होंगे, जब तक राज्य सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती हैं.
1997 में ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए एक कमेटी का गठन किया गया था और तब 55 फ्लाईओवर का निर्माण किया गया था. इस कमेटी ने 30 सालों के लिए टोल वसूलने का निर्णय 1998 में लिया था. 2026 में ये मियाद खत्म हो जाएगी.
मनसे को मिल सकता है जनता का साथ
पॉलिटिकल एक्सपर्ट मिलिंद बल्लाड ने एबीपी न्यूज को बताया कि राजनीतिक मुद्दा यह काफी सही चुना है, क्योंकि इससे लोगों को भी फायदा होगा. कुछ राजनीतिक मुद्दों में लॉजिक नहीं होता है, लेकिन इस मुद्दे में तर्क हैं. चुनावी मौसम है इस बीच अगर इनकी मांग राज्य सरकार पूरा करती है तो नागरिकों का मनसे पार्टी को समर्थन मिलेगा.
बल्लाड ने कहा कि मनसे ने पहले भी यह मुद्दा उठाया था, जिसके बाद कई टोल बंद भी किए गए थे. यह बात भी सही है कि शहर में कई बड़े प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. सरकार कर्जा लेकर ये प्रोजेक्ट पूरे कर रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सारा कर्जा टोल के माध्यम से लोगों से वसूला जाए. यह मुद्दा राज ठाकरे की पार्टी को आने वाले चुनावों में फायदा दिला सकता है.
लोगों ने भी किया समर्थन
एबीपी न्यूज ने टोल से जाते हुए लोगों से बात की. लोगों ने बताया कि टोल की दर 40 से 45 कर दी गई है. महंगाई इतनी बढ़ती जा रही है. सरकार को केवल मुंबई शहर में ही 5 टोल से वसूली नही करनी चाहिए. मनसे की ओर से उठाए गए मुद्दे का वह समर्थन करते हैं.
आरटीआई से सामने आई थी ये जानकारी
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल और सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से बंद किए 12 और 53 नाकों पर दी गई छूट से टोल मालिकों को 798.44 करोड़ रुपये का रिटर्न और हर्जाना देने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मार्च 2016 में सार्वजनिक निर्माण विभाग ने दी थी.
उन्होंने तत्कालीन सार्वजनिक निर्माण मंत्री चंद्रकांत पाटील से महाराष्ट्र राज्य में बंद किए गए टोल नाका और टोल टैक्स से दी गई छूट वाले टोल नाके की जानकारी मांगी थी. सार्वजनिक निर्माण विभाग के तत्कालीन सचिव शैलेंद्र बोरसे ने अनिल गलगली को बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के 38 टोल नाकों में से 11 टोल बंद करने से 226.51 करोड़ रुपए रिटर्न की रकम हैं.
वहीं, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल के 53 टोल नाकों से सिर्फ 1 टोल नाका बंद हुआ हैं, जिसके लिए रिटर्न की रकम 168 करोड़ रुपए हैं. सार्वजनिक निर्माण विभाग के शेष 19 प्रोजेक्ट के 27 टोल नाकों पर कार, जीप सहित एसटी और स्कूल बस को टोल टैक्स में छूट देने से टोल मालिकों को वर्ष 2015-16 के लिए हर्जाना रकम 179.69 करोड़ हैं.
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल के 12 प्रोजेक्ट के 26 टोल नाकों पर कार, जीप सहित एसटी और स्कूल बस को टोल टैक्स में से छूट देने से टोल मालिकों को वर्ष 2015-16 के लिए हर्जाना की रकम 224.24 करोड़ रुपये हैं.
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