नई दिल्ली: महाराष्ट्र के धुले में कल ग्रामीणों की भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक में पांच लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी. यानि न पुलिस न कोर्ट और न आरोपियों की दलील सीधा तालिबान के पैटर्न पर हत्या का फैसला. पुलिस के मुताबिक, पांच लोगों को रेनपाडा इलाके में राज्य परिवहन की बस से उतरते देखा गया. उन्होंने कहा कि उनमें से एक ने जब कथित तौर पर एक बच्ची से बातचीत करने का प्रयास किया तो साप्ताहिक रविवार बाजार के लिए वहां मौजूद लोगों ने उनकी पिटाई शुरू कर दी.


घटना के सिलसिले में अब तक 23 लोगों को हिरासत में लिया गया है. आज धुले के एसपी एम रामकुमार ने कहा कि हम और आरोपियों की तलाश में जुटे हैं. आरोपियों की पहचान के लिए पांच टीमें बनाई गई है. पुलिस के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से व्हाट्सएप के सहारे अफवाह चल रही थी कि इलाके में बच्चा चोर गिरोह सक्रिय है. व्हाट्सएप से मिली सूचना के आधार पर ही लोगों को शक हुआ और पांच लोगों की जिंदगी छीन ली.


गुजरात बना अफवाहों का गढ़
भीड़ की बहशीपाने का यह पहला मामला नहीं है और शायद आखिरी भी नहीं. देश के कई राज्यों में बच्चा चोर की अफवाह है. आग में घी डालने का काम व्हाट्सएप मैसेज कर रहा है. पिछले कई दिनों से गुजरात के अलग-अलग जिलों में बच्चों को उठाने की आशंका को लेकर कइ जगहों पर लोगों को बिना वजह पिटा जा रहा है. कल रात वेरावल के भालपरा इलाके में भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक में झारखंड के एक शख्स की पिटाई कर दी. जबकि वो शख्स गुजरात मजदूरी करने के लिए आया था.


गुजरात सरकार ने बताया पाकिस्तानी कनेक्शन
गुजरात के गृहमंत्री का दावा है कि बच्चा चोर होने की अफवाह पाकिस्तान के वीडियो से फैली है. वहां के एक एनजीओ ने बच्चा चोरी से बचने के लिए एक वीडियो जारी किया था जिसमें से कुछ हिस्सा काट कर देशभर में फैला दिया गया.


केवल गुजरात में पिछले 10 दिनों में 10 घटनाएं हो चुकी है. जिसमें एक की मौत हुई है. भीड़ द्वारा पीटे जाने का मामला द्वारका, गीर सोमनाथ, बनासकाठा, सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट, मोरबी जिले से आया है.


मध्य प्रदेश
चार दिन पहले मध्य प्रदेश के सिंगरौली में ग्रामीणों ने एक अधेड़ युवक को पीट-पीटकर घायल कर दिया. सिंगरौली जिले के रजमिलान में शादी पार्टी में नाच गाना करने वाले शख्स पर भीड़ ने हमला कर दिया. भीड़ को शक था की वह बच्चा चोर है.


मध्य प्रदेश ही नहीं असम, त्रिपुरा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ में भी पिछले कुछ महीनों में भीड़ ने पीट-पीटकर लोगों अधमरा कर दिया या मौत के घाट उतार दिया. सभी घटना में एक ही पैटर्न है. भीड़ को पहले से कथित बच्चा चोर से अलर्ट रहने की सूचना रहती है. व्हाट्सएप से लगातार लोग एक दूसरे को मैसेज देते रहते हैं. जहां भी कोई अनजान शख्श दिखता है और भीड़ में मौजूद शख्स बच्चा चोर होने की अफवाह फैलाता है लोग पिटाई शुरू कर देते हैं. इस भीड़ के आगे पुलिस प्रशासन बेबस दिखती है.


त्रिपुरा
अब त्रिपुरा का ही मामला देखिए. 28 जून को त्रिपुरा में भीड़ ने बच्चा चोर होने के संदेह में उत्तर प्रदेश (यूपी) निवासी एक रेहड़ी वाले की पीट-पीटकर हत्या कर दी और दो अन्य को जख्मी कर दिया. सहायक पुलिस महानिरीक्षक (एआईजी) स्मृति रंजन दास ने बताया कि सुबह करीब साढ़े नौ बजे राज्य से बाहर के तीन रेहड़ी वाले आए थे. वे सभी कारोबार करने आए थे.


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एआईजी ने बताया कि उन्होंने बिटरबन से एक गाड़ी ली थी, जब वे इलाके में पहुंचे तो लोगों ने उन्हें बच्चा चोर समझा और उन्हें पीटना शुरू कर दिया. दास ने बताया कि रेहड़ी वालों ने अपने चालक समेत इलाके में स्थित त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के शिविर में शरण ली. करीब एक हजार लोगों ने उनका पीछा किया और शिविर में घुस गए और एक रेहड़ी वाले की पीट-पीट कर हत्या कर दी.


असम
जून की शुरुआत में ही असम के कार्बी आंगलांग में भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक मे दो युवक नीलोत्पल दास और अभिजीत नाथ की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. नीलोत्पल दास पेशे से सांउड इंजीनियर थे जबकि अभिजीत गुवाहाटी में व्यवसाय कर रहे थे. इस घटना के बाद असम सरकार बड़े स्तर पर सोशल मीडिया को लेकर जागरुकता अभियान चला रही है.


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छत्तीसगढ़
जून में ही छत्तीसगढ़ के सरगुजा में बच्चा चोर होने के शक में एक शख्स की भीड़ ने पीट पीट कर हत्या कर दी. इस इलाके में काफी दिनों से एक बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह फैली हुई थी. इसी अफवाह की वजह से गांव में घूम रहे 30 साल का एक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई.


पश्चिम बंगाल
30 जून को ही झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में लोगों ने बच्चा चोर का आरोप लगा एक बुजुर्ग महिला को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया. वहीं इससे पहले 18 मई 2017 को झारखंड में दो अलग-अलग घटनाओं में भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक में कई लोगों की जमकर पिटाई कर दी.


इसी तरह का पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सिकेंद्र गांव में पिछले साल जून में बच्चा चोरी के शक में एक महिला को लोगों ने ट्रैक्टर से बांध दिया था. पिछले साल ही कर्नाटक के बेंगलूरू में भीड़ ने राजस्थान के एक मजदूर की बच्चा चोर होने के शक में हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस ने कम से कम नौ लोगों को गिफ्तार किया था.


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