नई दिल्ली: अलवर में गो-तस्करी के शक में रकबर खान की पीट-पीटकर हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से रिपोर्ट मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी (होम) से कहा है कि वो 30 अगस्त को अगली सुनवाई के दिन रिपोर्ट दाखिल करें. साथ ही कोर्ट ने आज सभी राज्यों से भीड़ की हिंसा की रोकथाम पर रिपोर्ट देने को कहा. राज्यों को बताना होगा कि 17 जुलाई को जारी कोर्ट के दिशानिर्देशों के अमल पर उन्होंने क्या कदम उठाए हैं. इस मामले की सुनवाई 7 सितंबर को होगी.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर तहसीन पूनावाला ने राजस्थान सरकार के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है. याचिकाकर्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के बावजूद राज्य सरकार इसका पालन नहीं कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने देश में हाल में हुई पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की तीखी आलोचना कर चुका है. अदालत ने भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं की निंदा की थी और संसद में इस अपराध से निपटने के लिए कानून बनाने को कहा था. अदालत ने कहा था, "भीड़तंत्र के भयावह कृत्यों' को एक नया परंपरा बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती." इसके साथ ही अदालत ने कार्रवाई के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे.
राजस्थान के अलवर जिले में 20 जुलाई को कथित गौरक्षकों ने 28 साल के रकबर (अकबर) की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस की लापरवाही की भी बात सामने आई थी. जिसके बाद कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था. इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने बीजेपी की सरकार पर सवाल किये थे. पार्टी का आरोप है कि बीजेपी शासित राज्य भीड़ की हिंसा को रोकने में विफल है.
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