CAA: हाई कोर्ट के आदेश के बाद असम में 11वें दिन इंटरनेट शुरू, अभी भी विरोध प्रर्दशन जारी
नागरिकता संशोधित कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के हिंसक होने के बाद 11 दिसंबर की शाम मोबाइल और ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं. सम में ब्रॉडबैंड सेवा पहले ही बहाल हो चुकी है.
गुवाहाटी: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर असम में पिछले कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन के बाद आज मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू कर दी गई है. असम में पिछले 10 दिनों से इंटरनेट बंद था. कल गुवाहाटी हाई कोर्ट ने असम सरकार को आदेश दिया था कि वह राज्य में इंटरनेट सेवा शुरू करे. आज सुबह 9 बजे से इंटरनेट सर्विस शुरू हुई है.
निजी टेलिकॉम संचालक एयरटेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चूंकि हमें इंटरनेट बंद करने का कोई नया आदेश नहीं मिला था इसलिए हमने सुबह नौ बजे से प्रतिबंध हटा दिया. इससे पहले राज्य सरकार ने कहा था कि मोबाइल इंटरनेट सेवा शुक्रवार से बहाल कर दी जाएगी. हालांकि हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार शाम पांच बजे ही इंटरनेट सेवा बहाल करने के आदेश दे दिए थे.
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न्यायमूर्ति मनोजित भूइयां और न्यायमूर्ति सौमित्र सैकिया की खंड पीठ ने पत्रकार अजित कुमार भुइयां और वकीलों बोनोश्री गोगोई, रणदीप शर्मा और देबकांता डोलेय की ओर से दायर चार जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को इंटरनेट सेवा शुरू करने के आदेश दिए थे.
बता दें कि असम में ब्रॉडबैंड सेवा पहले ही बहाल हो चुकी है. इस बीच असम में अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी है. विपक्षी कांग्रेस ने पूरे राज्य में ‘जन सत्याग्रह’ आयोजित किया है. उनके पूर्व मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने विभिन्न स्थानों पर धरने दिए. गुवाहाटी बाई कोर्ट बार संघ ने अदालत परिसर के अंदर ‘सत्याग्रह’ किया और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) द्वारा आयोजित राज्यव्यापी आंदोलन में भाग लिया. नागरिकता संशोधित कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के हिंसक होने के बाद 11 दिसंबर की शाम मोबाइल और ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं.
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