नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को एक और 'हथियार' मिल गया है. भारत के दवा नियामक (डीसीजीआई) द्वारा मॉडर्ना के कोविड-19 टीके को आज सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. मॉडर्ना को मंजूरी मिलने के साथ ही भारत में अब तक चार कोरोना वैक्सीन को इजाजत दी जा चुकी है. नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि भारत में मॉडर्ना की दो डोज लगेगी.
डॉ वीके पॉल ने आगे कहा कि लाइसेंस मिलना पहला महत्वपूर्ण कदम है, अगले कदम कंपनी उठाएगी. उसके बाद मॉडर्ना वैक्सीन का आयात हो सकता है. ये वैक्सीन -20 डिग्री तापमान पर 7 महीने तक ठीक रहती है और 2-8 डिग्री तापमान पर एक महीने तक रह सकती है.
फाइजर पर भी जल्द होगा फैसला
मॉडर्ना से पहले भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी को मंजूरी दी गई. डॉ पॉल ने कहा कि हम जल्द ही फाइजर को लेकर भी डील फाइनल कर लेंगे. यानी फाइजर को मंजूरी मिलने के बाद भारत में वैक्सीन की संख्या बढ़कर पांच हो जाएगी.
भारत में टीकाकरण की स्थिति
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि देश में 32.85 करोड़ (32,85,54,011) कोविड-19 रोधी टीके की खुराक दी जा चुकी है. शाम सात बजे संकलित एक अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को टीके की 48.01 लाख से अधिक (48,01,465) खुराक दी गई. इसमें कहा गया है कि सोमवार को 18-44 आयु वर्ग के 28,63,823 लाभार्थियों को पहली खुराक दी गई और 91,640 को दूसरी खुराक दी गई.
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद से 18-44 आयु वर्ग के कुल मिलाकर, 8,75,67,172 लोगों को पहली खुराक दी गई है और 19,94,410 लोगों को टीके की दूसरी खुराक दी गई है.
मंत्रालय ने कहा कि आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने 18-44 आयु वर्ग के 10-10 लाख से अधिक लाभार्थियों को टीके की पहली खुराक दी है.