नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आज 100 दिन पूरे हो रहे है. इस मौके पर सरकार ने मेगा प्रचार की योजना तैयार की है. केंद्र सरकार की ओर से  एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के अलावा सभी मंत्रियों को निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णय और कामों को सूचीबद्ध करें और मीडिया के जरिए उसे जन-जन तक पहुंचाएं. ताकि देश के लोग यह जान सके कि नरेंद्र मोदी सरकार ने महज 100 दिनों में देशहित में कौन-कौन से अहम फैसले लिए हैं.


सरकार के मंत्री सीधे तौर पर मीडिया और जनता से इंटरेक्ट करेंगे


सरकार ने पहले 50 दिन का लेखा-जोखा पेश किया था. माना जा रहा है 8 सितंबर को केंद्र सरकार की ओर से प्रकाश जावड़ेकर एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं जिसमें वह सरकार की उपलब्धियों को रखेंगे. साथ ही आज मंत्रालय स्तर पर सभी मंत्री अखबारों में एडिटोरियल लिखने से लेकर इंटरव्यू और प्रेस रिलीज के जरिए अपनी अपनी उपलब्धियां जनता तक पहुंचाएंगे. ताकि सरकार के बारे में आम जनता को पता चल सके और इसी बहाने पार्टी पदाधिकारी और सरकार के मंत्री सीधे तौर पर मीडिया और जनता से इंटरेक्ट हो सकेंगे.


सरकार ने 370 और 35-ए को हटाने समेत कई महत्वपूर्ण फैसले लिए


क्योंकि सरकार के रणनीतिकार मानते हैं कि मोदी सरकार-1 में यह तरीका कामयाब रहा था. 30 मई 2019 को जब नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली तो उसी दिन से सरकार ने ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिए थे. सरकार ने अपने संसद के पहले ही सत्र में  370 और 35-ए को हटाने समेत कई महत्वपूर्ण फैसले लिए. जिसमे ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी मानने का कानून भी शामिल है.


मोदी ने सभी मंत्रियों को दिया था 100 दिन के कामकाज को सूचीबद्ध करने का निर्देश


सूत्रों की माने तो हाल ही में मंत्री परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों को अपने 100 दिन के कामकाज को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था. उसी बैठक में कहा था कि 100 दिन में सरकार द्वारा किए गए कार्यों महत्वपूर्ण फैसलों को लेकर एक प्लान तैयार करें और उसे जनता के बीच ले जाएं. लोगों को यह बताएं कि सरकार ने 100 दिनों में क्या-क्या किया है और कौन-कौन से महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं.


सरकार का मानना है कि मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के सीधा फायदा आने वाले तीन राज्यों के चुनाव में मिलेगा. महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में कश्मीर को लेकर लिए गए फैसले सीधा प्रभाव छोड़ेंगे. इसलिए इसे जनता तक पहुचाना जरूरी है.