VIP Security Cover: नए मंत्रियों के कार्यभार संभालने के साथ ही केंद्र सरकार वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को एक दर्जन से ज्यादा उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की सुरक्षा ड्यूटी अन्य अर्धसैनिक बलों को सौंपी जाएगी. 


पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि गृह मंत्रालय के तहत इस महत्वपूर्ण इकाई की समीक्षा जल्द ही किए जाने की संभावना है. ऐसे में विभिन्न राजनीतिक हस्तियों और उम्मीदवारों, पूर्व मंत्रियों, सेवानिवृत्त नौकरशाहों और कुछ अन्य को दी गई सुरक्षा या तो वापस ले ली जाएगी या कम की जाएगी या अपग्रेड कर दी जाएगी.


वीआईपी सुरक्षा में बड़े बदलाव होने की उम्मीद


दरअसल, गृह मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण बदलाव एनएसजी के 'ब्लैक कैट' कमांडो को वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से पूरी तरह हटाने की लंबे समय से चर्चा में चल रही योजना है, जिसमें उनके सभी नौ जेड-प्लस श्रेणी के सुरक्षाकर्मियों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की वीआईपी सुरक्षा इकाई में स्थानांतरित किया जाएगा.


इसके अलावा, वर्तमान में आईटीबीपी कर्मियों की सुरक्षा में रहने वाले कुछ वीआईपी को सीआरपीएफ या केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की वीआईपी सुरक्षा शाखा में फिर से नियुक्त किया जा सकता है, जिसे विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) के रूप में जाना जाता है.


जानिए किन VIP की सुरक्षा में तैनात हैं NSG कमांडो?


वहीं, जिन वीआईपी लोगों को अभी तक एनएसजी कमांडो सुरक्षा दे रहे हैं, उन लोगों की लिस्ट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह शामिल हैं. एनएसजी में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू भी शामिल हैं.


ITBP और CISF 200 वीआईपी की सुरक्षा में हैं तैनात


आईटीबीपी वर्तमान में वरिष्ठ बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती सहित अन्य लोगों की सुरक्षा करती है. वहीं, एनएसजी को वीआईपी सुरक्षा भूमिकाओं से मुक्त करने की योजना 2012 से चल रही है.


इस चिंता के कारण कि कई जगहों पर एक साथ आतंकवादी हमले एनएसजी की क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं, जिससे विभिन्न दिशाओं में उनके कमांडो की त्वरित तैनाती की जरूरत पड़ेंगी. हालांकि, वर्तमान में, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ वीआईपी सुरक्षा विंग 200 से ज्यादा व्यक्तियों की सुरक्षा करते हैं.


अमित शाह और गांधी परिवार की सुरक्षा में CRPF जिम्मेदार


इस कड़ी में सीआरपीएफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गांधी परिवार सहित अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है, जबकि सीआईएसएफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य सुरक्षा कवर ले रहें लोगों की सुरक्षा करता है.


ये भी पढ़ें: Ladakh MP: कांग्रेस के हाथ को मिला एक और सांसद का साथ? लद्दाख के निर्दलीय सांसद ने की मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात