Modi 3.0 Oath Ceremony: मोदी सरकार 3.0 के शपथ ग्रहण की तैयारी तेज हो गई हैं. नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में दुनियाभर के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को न्योता भेजा गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नरेंद्र मोदी 9 जून की शाम 6 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.
अंग्रेजी वेबसाइट हिन्दुस्ता टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 9 जून को प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के लिए बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स और श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्षों को निमंत्रण भेजा गया है.
इन देशों को भेजा गया था पहले निमंत्रण
प्रारंभिक रिपोर्टों में कहा गया कि पहले पांच देशों के नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करने की बात सामने आई थी. हालांकि, शपथ ग्रहण समारोह से परिचित लोगों ने गुरुवार को नाम न बताने की शर्त पर बताया कि मालदीव और सेशेल्स को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है.
नरेंद्र मोदी ने की फोन पर बात
सूत्रों ने बताया कि नरेंद्र मोदी ने बुधवार (5,जून) को फोन पर बातचीत के दौरान बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मॉरीशस के नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया और गुरुवार (6, जून) को सभी सात देशों को औपचारिक निमंत्रण भेज दिया गया है.
भारत के पड़ोसी देशों ने की पुष्टि
सूत्रों ने ने कहा, "भारत का फोकस हिंद महासागर क्षेत्र में द्वीप देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने और सहयोग बढ़ाने पर है. इसके अलावा जिन देशों को आमंत्रित किया गया है, उन सभी को पड़ोसी पहले नीति के तहत निमंत्रण भेजा गया है.'' वहीं, औपचारिक निमंत्रण भेजे जाने से पहले ही बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना, प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल और राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की भागीदारी की पुष्टि कर दी थी.
बांग्लादेश की पीएम को भेजा न्योता
बांग्लादेश की पीएम हसीना के एक सहयोगी ने यहां तक घोषणा कर दी कि प्रधानमंत्री शुक्रवार को नई दिल्ली की यात्रा करेंगी, क्योंकि बांग्लादेशी पक्ष को यह विश्वास दिलाया गया था कि शपथ ग्रहण समारोह 8 जून को होगा. चूंकि औपचारिक निमंत्रण में उल्लेख किया गया था कि शपथ ग्रहण समारोह 9 जून को निर्धारित है, इसलिए ढाका में अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री शनिवार को भारत की यात्रा करेंगी.
भारत आएंगे मालदीव के राष्ट्रपति!
हालांकि, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को आमंत्रितों की सूची में शामिल करना आश्चर्यजनक था, क्योंकि पिछले साल उनके चुनाव जीतने के बाद से ही माले और नई दिल्ली के बीच संबंध तनावपूर्ण हुए हैं. मुइज्जू ने चीन के करीब जाने के लिए कई भारत विरोधी कदम उठाए हैं. हालांकि, भारत, मालदीव के साथ सहयोग जारी रखना चाहता है. वहीं, मालदीव ने गुरुवार देर रात मुइज्जू द्वारा आमंत्रण स्वीकार किए जाने की पुष्टि की है. मालदीव के अधिकारियों ने कहा कि उनके साथ विदेश मंत्री मूसा जमीर सहित उनके मंत्रिमंडल के तीन सदस्य भी भारत आएंगे. सत्ता में आने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी.
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