नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच लागू लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया है. पीएम मोदी ने कहा है कि तीन मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा. इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे. अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने देश से सात बातों में साथ मांगा है.


लॉकडाउन को लेकर कल जारी होगी विस्तृत गाइडलाइन


अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ''जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, वो मेरा परिवार हैं. मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक, इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है. अब नई गाइडलइंस बनाते समय भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है. कल इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी.''


Lockdown 2: पीएम मोदी का संदेश- जिन जगहों पर हॉटस्पॉट नहीं, वहां 20 अप्रैल के बाद मिलेंगी जरूरी रियायतें


पीएम मोदी ने साथ के लिए मांगी ये सात बात


पहली बात- अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनका हमें ज्यादा ख्याल रखना है और उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है.


दूसरी बात- लॉकडाउन और सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें. घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें,


तीसरी बात- अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें. गर्म पानी, काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें.


चौथी बात- कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप जरूर डाउनलोड करें. दूसरों को भी इस एप को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें.


पांचवी बात- जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें. उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें.


छठी बात- आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें. किसी को नौकरी से न निकालें.


सातवीं बात- देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें.


यह भी पढ़ें-


Coronavirus: देश में 10 हजार के पार पहुंची संक्रमित मरीजों की संख्या, राज्यवार आंकड़े

देश के इन तीन राज्यों में सबसे ज्यादा कोरोना का कहर, आधी से ज्यादा मौतें भी यहीं हुईं