नई दिल्लीः मोदी सरकार ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने और स्वास्थ्य सुविधाओं को कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए एक बेहद अहम योजना को मंज़ूरी दी है. प्रधानमंत्री स्वस्थ भारत योजना के नाम वाली इस योजना का उद्देश्य अस्पतालों के साथ साथ जांच केंद्रों की स्थापना भी करना है. सूत्रों के मुताबिक़ बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंज़ूरी दे दी गई है.
इस योजना का ऐलान इस साल 1 फरवरी को पेश किए गए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था जिसपर अब कैबिनेट ने भी मुहर लगा दी है. कैबिनेट के फ़ैसले के मुताबिक़ योजना पर क़रीब 65000 करोड़ रुपए अगले पांच सालों में खर्च किए जाएंगे. योजना को 2025-26 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है.
आम बजट में इस योजना का खाका पेश किया गया था जिसके तहत
* सभी राज्यों में 11,024 शहरी हेल्थ और वेलनेस सेंटर बनाया जाएगा
* हाई फोकस वाले 10 राज्यों में 17,788 ग्रामीण हेल्थ और वेलनेस सेंटर को बढ़ावा दिया जाएगा
* 602 ज़िलों और 12 केंद्रीय संस्थानों में सघन चिकित्सा हॉस्पिटल ब्लॉक ( Critical Care Hospital Blocks ) की स्थापना की जाएगी
* सभी ज़िलों और 11 हाई फोकस वाले राज्यों के 3382 ब्लॉकों में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना की जाएगी
* राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ( NCDC ) , उसकी 5 क्षेत्रीय केन्द्रों और 20 महानगरीय केंद्रों को मज़बूत बनाया जाएगा
पिछले साल के साथ साथ इस साल कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान देशभर में जिस तरह स्वास्थ्य व्यवस्था की कमी देखी गई थी उसके मद्देनज़र सरकार का ये क़दम महत्वपूर्ण है. इस क़दम से स्वास्थ्य सुविधाओं को ज़िला और ब्लॉक स्तर तक ले जाए जाने में मदद मिलेगी. कैबिनेट के इस फ़ैसले का औपचारिक ऐलान अभी नहीं किया जा रहा है लेकिन इसी हफ़्ते इसका ऐलान होने की संभावना है.
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