देश भर में सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क सेवा ‘पीएम वाणी’ को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार विभाग को देश भर में पब्लिक डेटा ऑफिस के जरिए सार्वजनिक रूप से वाई-फाई सेवा प्रदान करने का नेटवर्क तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दूरसंचार विभाग को देशभर में पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ) के जरिए सार्वजनिक रूप से वाई-फाई सेवा प्रदान करने का नेटवर्क तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इस सेवा को ‘‘पीएम वाणी’’ के नाम से जाना जाएगा.
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इसे सार्वजनिक दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के माध्यम से संचालित किया जाएगा और ऐसी कंपनियों से वाई-फाई और ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए किसी तरह का लाइसेंस शुल्क नहीं लिया जाएगा. बयान में कहा गया कि इससे देशभर में सार्वजनिक वाई-फाई सेवाओं का बड़ा नेटवर्क तैयार करने में मदद मिलेगी, जो लोगों के लिए रोजगार और आमदनी बढ़ाने का जरिया बनेगा.
पीडीओ केवल ‘‘पीएम वाणी’’ के तहत आने वाले वाई-फाई सेवा स्थलों को स्थापित करने, रख-रखाव करने और संचालित करने का काम करेंगे. साथ ही उपभोक्ताओं को ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करेंगे. पीडीओ पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के प्रमाणीकरण और लेखा खातों के रख-रखाव का काम भी करेंगे.
इसके लिए नहीं कराना होगाअपना कोई पंजीकरण
ऐप प्रदाता पंजीकृत ग्राहकों के लिए मोबाइल ऐप विकसित करेंगे और वाई-फाई वाले हॉट स्पाट इलाकों में पीएम वाणी सेवा की उपलब्धता का पता लगाने के बाद उसके अनुरुप ऐप में इसकी जानकारी डालेंगे ताकि ग्राहक अपने मोबाइल पर इंटरनेट सेवा का उपयोग कर सकें. बयान में कहा गया कि पीडीओ और ऐप प्रदाताओं को इसके लिए अपना कोई पंजीकरण नहीं कराना होगा. इसके मुताबिक, ‘‘ये लोग सरल संचार वेबसाइट पर दूरसंचार विभाग में ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे. इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा.
आवेदन करने के सात दिनों के भीतर पंजीकरण हो जाएगा.’’ सरकार के मुताबिक यह व्यवस्था कारोबार के लिए बहुत ही सहज और अनुकूल होगी खासकर ऐसे समय में जबकि कोविड महामारी के कारण इस समय तेज गति वाली ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा की देशभर में बहुत सारे ग्राहकों को काफी जरुरत है.
इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाओं का लाभ आम लोगों को मिले सकेगा
बयान में कहा गया, ‘‘इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा होंगे बल्कि छोटे और मझोले कारोबारियों के पास खर्च करने के लिए कुछ अधिक पैसा भी जमा हो सकेगा. जिससे देश की जीडीपी में बढ़ोतरी में मदद मिलेगी.’’ सरकारी सेवा प्रदाताओं के जरिए सार्वजनिक रूप से ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था को सरकार ने डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ाया गया एक और कदम बताया.
साथ ही कहा गया कि यह सेवा उपलब्ध कराने के लिए किसी तरह का लाइसेंस शुल्क नहीं लिये जाने से देशभर में बड़े स्तर पर इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाओं का लाभ आम लोगों को मिले सकेगा. इसके मुताबिक, ‘‘इससे रोजगार और आमदनी के अवसर पैदा होंगे, कारोबारी सुगमता में इजाफा होगा और लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो सकेगा.’’
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