नई दिल्ली: मोदी सरकार ने आज गन्ना किसानों को बड़ी राहत दी है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने इस साल 60 लाख टन चीनी निर्यात करने का फ़ैसला किया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक के बाद बताया कि सीसीईए ने 60 लाख टन चीनी निर्यात के लिए 3,500 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है. सब्सिडी की राशि सीधे किसानों को दी जाएगी.
जावड़ेकर ने कहा कि चीनी उद्योग के साथ गन्ना किसान भी संकट में हैं. देश में चीनी का उत्पादन खपत से अधिक है. इस बार उप्तादन अनुमानित 310 लाख टन रहेगा जबकि घरेलू मांग 260 लाख टन की है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से पांच करोड़ किसानों को लाभ होगा. जावड़ेकर ने बताया कि पहले से घोषित 5310 करोड़ सब्सिडी अगले एक हफ़्ते में किसानों के खाते में भेज दी जाएगी.
कैबिनेट के फैसले के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि देश के करोड़ों अन्नदाताओं के लिए आज विशेष खुशी का दिन है. कैबिनेट ने 5 करोड़ गन्ना किसानों के लिए 3500 करोड़ रुपये की सहायता राशि मंजूर की है. पैसा सीधे उनके खातों में ट्रांसफर होगा. इससे चीनी मिलों से जुड़े लाखों कामगारों को भी लाभ पहुंचने वाला है.
बता दें कि खाद्य मंत्रालय ने 2020-21 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) में 60 लाख टन चीनी निर्यात के लिए 3,600 करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रस्ताव किया था. जिसे आज कैबिनेट ने मंजूर कर लिया.
इससे पिछले विपणन वर्ष 2019- 20 में सरकार ने 10,448 रुपये प्रति टन की एकमुश्त निर्यात सब्सिडी दी थी. इससे सरकारी खजाने पर 6,268 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था.
कैबिनेट के फैसले के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट कर कहा, ''गन्ना किसानों के हित में मोदी सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय. गन्ना किसानों के लाभ के लिए चीनी के निर्यात पर दी जाने वाली सब्सिडी को सीधा किसानों के बैंक खाते में भेजा जायेगा.इस के तहत 5 करोड़ किसानों को कुल ₹3500 करोड़ का भुगतान किया जायेगा.''
कैबिनेट ने ये फैसला ऐसे समय में लिया है जब दिल्ली की सीमाओं पर किसान कृषि काूननों को रद्द करने की मांग को लेकर डटे हैं.
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