नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट ने आज अनुसूचित जाति के छात्रों की शिक्षा के लिए बड़ा फ़ैसला लिया है. अनुसूचित जाति (एससी) छात्रों के लिए 59,000 करोड़ की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को मंज़ूरी दी है. इस योजना से 4 करोड़ से ज़्यादा छात्रों को फायदा मिलेगा. छात्रवृत्ति के लिए 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य देंगे.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने बताया कि अनुसूचित जाति से संबंधित छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी)"की केंद्र प्रायोजित योजना को बड़े परिवर्तनों के साथ मंजूरी दी गई है ताकि छात्र अपनी उच्चतर शिक्षा को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें.
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, ऐसा अनुमान है कि 10वीं कक्षा से आगे पढ़ाई नहीं जारी रख सकने वाले 1.36 करोड़ गरीब छात्रों को अगले पांच वर्षो में उच्च शिक्षा प्रणाली के दायरे में लाया जा सकेगा . इसमें कहा गया है कि राज्य आनलाइन पोर्टल पर पात्रता, जाति स्थिति, आधार पहचान एवं बैंक खातों के ब्यौरे की व्यापक जांच करेगी.
इस योजना के तहत केंद्र के हिस्से (60 प्रतिशत) की राशि प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से छात्रों के बैंक खातों में भेजा जायेगा. इसमें कहा गया है कि पिछले तीन वर्षो (2017-18 से 2019-20) के दौरान इस योजना के तहत सालाना 1100 करोड़ रूपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती थी और अब इसमें पांच गुणा वृद्धि होगी और यह अगले पांच वर्षो तक 2020-21 से 2025-26 के दौरान हर साल करीब छह हजार करोड़ रूपये हो जायेगा .
यह स्कीम सुदृढ़ सुरक्षा उपायों के साथ ऑनलाइन प्लेटफार्म पर संचालित की जाएगी जिससे पारदर्शिता, जवाबदेही, कार्य क्षमता, तथा बिना विलम्ब के समयबद्ध सहायता सुनिश्चित होगी.
मोदी कैबिनेट ने आज भारत में डीटीएच सेवाएं प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देशों में संशोधन को भी मंजूरी दी. डीटीएच लाइसेंस 20 वर्ष के लिए जारी होगा.
DTH क्षेत्र को 100 फीसदी एफडीआई में लाया गया है. पहले वाणिज्य मंत्रालय ने 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दी थी पर सूचना प्रसारण मंत्रालय की गाइडलाइन के कारण ये पूरी तरह लागू नहीं हो पा रहा था. अब इसे पूरी तरह लागू करने का रास्ता कैबिनेट ने साफ कर दिया है.
इसके साथ ही कैबिनेट ने दिल्ली के अनियमित कॉलोनियों में रहने वालों को क़ानूनी संरक्षण देने संबंधित अध्यादेश को भी मंजूरी दी. 31 दिसंबर 2020 को इससे जुड़े क़ानून की मियाद खत्म हो रही है. अब इसे तीन साल के लिए बढाया गया है. 31 दिसम्बर 2023 तक मियाद बढ़ाई गई है.
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