(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Modi Cabinet Decision: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अगले फेज़ को मंज़ूरी, कैबिनेट ने गांवों में 4G टावर को लेकर भी लिया ये फैसला
Modi Cabinet Decision: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अगले फेज़ को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस फेज़ में आदिवासी क्षेत्रों में सड़के बनेंगी.
Modi Cabinet Decision: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अगले फेज़ को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस फेज़ में आदिवासी क्षेत्रों में 32,152 किलोमीटर सड़के बनेंगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस फैसले से वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों और आदिवासी इलाकों को फायदा होगा. इसके साथ ही अनुराग ठाकुर ने बताया कि ये भी फैसला हुआ है कि 5 राज्यों के 44 आकांक्षी जिलों के 7266 गांवों में 4G मोबाइल टावर की सुविधा दी जाएगी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज 1 और फेज 2 के अंतर्गत रोड कनेक्टिविटी से जो क्षेत्र रह गए थे. उन इलाकों में सड़कों का निर्माण किया जाएगा और जनजातीय क्षेत्रों को भी इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर कुल मिलाकर 33,822 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित हैं. इसमें केंद्र की 22,978 करोड़ रूपये की हिस्सेदारी होगी.
इन गांवों में लगेंगे मोबाइल टावर
गांवों तक मोबाइल टावरों की पहुंच और ज्यादा बढ़ाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट अहम फैसला लिया है. अनुराग ठाकुर ने बताया कि ऐसे ज़िले जहां पर टेलिकॉम टॉवर और कनेक्टिविटी नहीं है. आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के 44 ऐसे ज़िलों के 7266 गांव में मोबाइल टावर की सुविधाएं दी जाएंगी. उन्होंने ये भी कहा कि फैसला किया गया है कि 4G मोबाइल सेवाएं दी जाएंगी. इस योजना पर 6,466 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है.
क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं हुई चर्चा
कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी आज कैबिनेट का मुद्दा नहीं था, उस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. बता दें कि मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थाई समिति की बैठक हुई है. बैठक स्थाई समिति के चेयरमैन जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में हुई. ज्यादातर सदस्यों ने माना कि क्रिप्टोकरेंसी पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन इसे रेग्युलेट किये जाने की जरूरत है. बैठक में कुछ सदस्यों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों के निवेश की सुरक्षा को लेकर चिंता भी जाहिर की है.