Union Cabinet Decisions: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की आहट है. साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने हैं. भारत निर्वाचन आयोग कभी भी इन चुनावों की तारीखों की घोषणा कर सकता है. इस बीच केंद्रीय कैबिनेट कैबिनेट ने कुछ बड़े फैसले किए हैं जो लोगों को राहत देते हुए लगते हैं. माना जा रहा है कि सरकार ने इस बहाने चुनावी राज्यों को भी साधने की कोशिश की है.
दरअसल, सरकारी सब्सिडी पर उज्जवला योजना के तहत मिलने वाले रसोई गैस सिलेंडर पर लाभार्थियों को अब 100 रुपये की राहत मिलेगी क्योंकि मिलने वाली 200 रुपये की सब्सिडी को बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया गया है. उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को अब गैस सिलेंडर 600 रुपये का पड़ेगा. जाहिर है चुनावी राज्यों की जनता को भी इसका लाभ मिलेगा.
गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट की ओर से गैस सिलेंडर पर सब्सिडी बढ़ाने का फैसला ऐसे समय किया गया है जब पिछले दिनों रक्षाबंधन के मौके पर सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर पर दाम 200 रुपये कम किए थे.
तेलंगाना में खुलेगी सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी
चुनावी राज्य तेलंगाना में लोगों को एक बड़ी सौगात सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी के रूप में मिली है. केद्रीय कैबिनेट ने वन देवता के नाम पर राज्य में 889 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले केंद्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय को खोलने की मंजूरी दी है.
नेशनल टरमरिक बोर्ड बनाने की मंजूरी
तेलंगाना में चुनाव से ठीक पहले इस रूप में भी फायदा मिला है कि केंद्रीय कैबिनेट ने राज्य में नेशनल टरमरिक बोर्ड (राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड) बनाने के लिए मंजूरी दे दी है. दावा है कि इससे तेलंगाना समेत कई और राज्यों के किसानों को फायदा मिलेगा. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोर्ड बनाने का ऐलान तेलंगाना में किया था.
बता दें कि भारत हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक और खपत करने वाला देश है. भारत में सबसे ज्यादा हल्दी की खेती तेलंगाना में होती है. सरकार ने 8,400 करोड़ रुपये का हल्दी का निर्यात करने का लक्ष्य रखा है. अब कैबिनेट ने बोर्ड के गठन को मंजूरी दी है.
केंद्रीय मंत्री बोले- किसानों को होगा फायदा
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना ऐसा राज्य है जहां हल्दी की खेती के लिए अच्छी जमीन है, जहां खेती हो सकती है. टरमरिक बोर्ड से तेलंगाना के किसानों की मांग पूरी हुई है. उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद हल्दी की मांग बढ़ी है, इससे (बोर्ड बनने से) तेलंगाना, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश आदि के किसानों को फायदा होगा.
कृष्णा नदी के जल के बंटवारे के मुद्दे पर कैबिनेट ने ये कहा
वहीं, केंद्रीय कैबिनेट ने कहा है कि कृष्णा नदी के जल के बंटवारे के लिए भी ट्रिब्यूनल फैसला करेगा. कृष्णा नदी महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश से होते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है. बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट इनके अलावा भी और फैसले लिए हैं.