Modi Cabinet Deceisions: मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को (23 दिसंबर) दो बड़े फैसले लिए. इसके तहत वन रैंक, वन पेंशन में रिवीजन किया गया है, साथ ही मुफ्त राशन योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है. इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पीयूष गोयल ने शुक्रवार(23 दिसंबर) को दी. खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत गरीबों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराया जाएगा. फिलहाल इस कानून के तहत लाभ पाने वाले लोगों को अनाज के लिए एक से तीन रुपये प्रति किलो का भुगतान करना पड़ता है.
सरकार का यह फैसला उस समय आया है जब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की अवधि 31 दिसंबर को खत्म होने वाली है. कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने की शुरुआत अप्रैल 2020 में की गई थी. पीएम मोदी नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ''राष्ट्र सेवा में जुटी हमारी सेना देशवासियों के गर्व का प्रतीक है. उनके कल्याण के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों के लिए OROP के तहत पेंशन रिवीजन को मंजूरी दी है."
कितने लोगों को मिलेगा अनाज
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने का फैसला किया गया. इसमें यह तय किया गया कि 81.35 करोड़ गरीबों को एक साल तक खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर पड़ने वाले करीब दो लाख करोड़ रुपये के आर्थिक बोझ को केंद्र सरकार खुद उठाएगी.
पीएमजीकेएवाई को खत्म करने के सवाल पर क्या बोले?
पीएमजीकेएवाई को अब खत्म किए जाने के बारे में पूछे जाने पर पीयूष गोयल ने कहा, सरकार ने इस योजना के तहत 28 महीनों तक मुफ्त अनाज मुहैया कराया है. अब इसे एनएफएसए के साथ ही समाहित कर दिया गया है और अतिरिक्त अनाज देने की जरूरत नहीं रह गई है.
एनएफएसए कानून क्या है?
खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाले एनएफएसए कानून के तहत सरकार की तरफ से हरेक पात्र व्यक्ति को हर महीने तीन रुपये प्रति किलो की दर पर चावल और दो रुपये प्रति किलो की दर पर गेहूं मुहैया कराया जाता है. इसके अलावा एक रुपये प्रति किलो की दर पर मोटा अनाज भी दिया जाता है. एनएफएसए कानून को जुलाई 2013 में लागू किया था जिसमें देश की 67 प्रतिशत आबादी को अत्यधिक सस्ती दर पर खाद्यान्न पाने का कानूनी अधिकार दिया गया था.
'नए साल का गिफ्ट'
सरकारी अधिकारियों ने एनएफएसए के तहत 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन देने के इस फैसले को देश के गरीबों के लिए नए साल का गिफ्ट बताते हुए कहा कि लाभार्थियों को अब खाद्यान्न के लिए एक भी रुपया नहीं देना होगा. इस पर आने वाले करीब दो लाख करोड़ रुपये के समूचे बोझ को खुद सरकार ही उठाएगी.
वन रैंक, वन पेंशन का लाभ किसे मिलेगा?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षा बलों के कर्मियों और परिवार पेंशनधारकों के लिये ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (OROP) के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को शुक्रवार (23 दिसंबर) को मंजूरी दे दी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसका लाभ परिवार पेंशनधारकों के साथ युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं और दिव्यांग पेंशनधारकों को भी मिलेगा. यह एक जुलाई 2019 से प्रभावी होगी.
अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसके कारण सरकारी कोष पर प्रति वर्ष 8450 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा. मंत्री ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी दिया जायेगा जिसके मद में 23,638.07 करोड़ रुपये की राशि बनती है. ठाकुर ने कहा कि इसका लाभ सभी रक्षा बलों से सेवानिवृत होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा. इसका लाभ 4.52 लाख नये लाभार्थियों सहित सशस्त्र बलों के 25.13 लाख पेंशनधारकों और परिवार पेंशनधाकों को मिलेगा.
किस कैलेंडर साल के मुताबिक मिलेगी पेंशन
रक्षा बलों के पेंशनभोगी/पारिवारिक पेंशनभोगी को ओआरओपी प्रस्ताव के अनुरूप बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी. सरकारी बयान के अनुसार, पिछले पेंशनभोगियों की पेंशन कैलेंडर वर्ष 2018 में समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक पर सेवानिवृत्त होने वाले रक्षा बलों के कार्मिकों की न्यूनतम पेंशन के औसत के आधार पर फिर से निर्धारित की जाएगी. इस औसत से अधिक पेंशन पाने वाले लोगों की पेंशन को संरक्षित किया जाएगा.
इसमें कहा गया है कि बकाये का भुगतान चार छमाही किस्तों में किया जाएगा. हालांकि, विशेष/उदारीकृत पारिवारिक पेंशन पाने वालों और वीरता पुरस्कार विजेताओं सहित सभी पारिवारिक पेंशनधारकों को एक किस्त में बकाये का भुगतान किया जाएगा. बयान के अनुसार, अनुमानित वार्षिक वित्तीय प्रभाव की गणना 8450.04 करोड़ रुपये की गई है जो 31 प्रतिशत महंगाई राहत (DR) के रूप में है.
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