Modi Cabinet Decisions: केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार (31 मई) को बैठक हुई. इस मीटिंग में सहकारी क्षेत्र में अनाज भंडारण क्षमता (Foodgrain Storage Capacity) बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने बताया, "आज की कैबिनेट बैठक में सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अनुमति अनुमोदन पर निर्णय लिया गया है."
उन्होंने कहा, "सहकारी क्षेत्र में खाद्यान्न भंडारण क्षमता 700 लाख टन बढ़ाने के लिये एक लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी. देश में अनाज भंडारण क्षमता फिलहाल 1,450 लाख टन है." उन्होंने कहा, "अगले पांच साल में भंडारण क्षमता बढ़ाकर 2,150 लाख टन की जाएगी. यह क्षमता सहकारी क्षेत्र में बढ़ेगी. पीएम के विजन के अनुरूप सहकारी समितियों को गतिशील बनाने के लिए कई कदम उठाए गए. हर ब्लॉक में 2000 टन भंडारण क्षमता का गोदाम बनाया जाएगा."
"अभी केवल 47 फीसदी भंडारण की क्षमता"
अनुराग ठाकुर ने कहा, "भारत विश्व में अनाज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी बड़े उत्पादक देशों जैसे चीन, अमेरिका, ब्राजील, रूस, अर्जेंटीना आदि के पास अपने वार्षिक उत्पादन से अधिक की भंडारण क्षमता उपलब्ध है, लेकिन भारत में अन्न के भंडारण की क्षमता, वार्षिक उत्पादन का केवल 47% है. परिणामस्वरूप अनाज की बर्बादी होती है और किसानों को डिस्ट्रेस सेल करनी पड़ती है."
उन्होंने कहा, "देश में सालाना करीब 3,100 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होता है. इस कदम का उद्देश्य भंडारण सुविधाओं की कमी से अनाज को होने वाले नुकसान से बचाना, किसानों को संकट के समय अपनी उपज औने-पौने दाम पर बेचने से रोकना, आयात पर निर्भरता कम करना और गांवों में रोजगार के अवसर सृजित करना है. अधिक भंडारण क्षमता से किसानों के लिए परिवहन लागत कम होगी और खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी."
"पीएम मोदी को बधाई दी गई"
उन्होंने बताया, "आज की बैठक में सिटीज (Citiis) 2.0 शुरू करने का निर्णय लिया गया है. इसके भाग सिटीज 1.0 की तरह 3 ही रहेंगे. इसके ऊपर 1866 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा." साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा, "केंद्र सरकार के 9 साल पूरा करने पर कैबिनेट में पीएम मोदी को बधाई दी गई. देशवासियों का धन्यवाद भी किया गया. सरकार की सफलता की लंबी फेहरिस्त है. नौ साल पहले लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था थी, आज पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है."
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