नई दिल्लीः मोदी सरकार के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की घोषणा में देरी के पीछे खरमास को वजह बताया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि 14 दिसंबर से शुरू हुए खरमास के 14 जनवरी तक खत्म होने के बाद ही बीजेपी सरकार और संगठन से जुड़े शुभ काम कर सकती है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी हर शुभ काम मुहूर्त देखकर ही करने में यकीन रखती है.
बीजेपी में इन दिनों संगठन चुनाव चल रहे हैं. दिसंबर तक पार्टी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा हो जाने का लक्ष्य था. मगर 14 दिसंबर से एक महीने के लिए खरमास के कारण अभी घोषणा नहीं हो सकी है.
सूत्र बता रहे हैं कि कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ही अगले तीन साल के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाएंगे. वजह कि पार्टी में एक व्यक्ति एक पद की परंपरा रही है. ऐसे में संगठन चुनाव पूरा होने तक गृह मंत्री पद के साथ अमित शाह अध्यक्ष का भी पद संभाल रहे हैं.
पार्टी के संविधान के मुताबिक 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन चुनाव हो जाने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है.
उधर 30 मई 2019 को बनी मोदी सरकार के करीब सात महीने होने जा रहे हैं. अब तक मंत्रिपरिषद का विस्तार नहीं हुआ है. सूत्र बताते हैं कि खरमास खत्म होने पर 14 जनवरी के बाद कैबिनेट फेरबदल भी हो सकता है.