नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 जुलाई यानि बुधवार को कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं. इस ठीक पहले आज पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ बैठक की. सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट में फेरबदल होने की ‘प्रबल संभावना’ के बीच शाह और संतोष ने रविवार को प्रधानमंत्री के निवास पर उनके साथ कई घंटों तक चर्चा की.
बता दें कि कैबिनेट विस्तार को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि अगर प्रधानमंत्री फेरबदल करते हैं तो मई, 2019 में प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी पारी शुरू करने के बाद मंत्रिपरिषद का यह पहला विस्तार होगा.
असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुशील मोदी और आरसीपी सिंह उन संभावित लोगों में शामिल माने जा रहे हैं जिन्हें मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है.
इस फेरबदल में उत्तर प्रदेश को खास तवज्जो मिल सकती है. यहां अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव है और राजनीतिक रूप से यह देश का सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश माना जाता है.
सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व भी इस विस्तार में बढ़ सकता है. माना जा रहा है कि बीजेपी की सहयोगियों जदयू और अपना दल (एस) को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है. आरपीआई नेता राम दास आठवले एक मात्र ऐसे गैर बीजेपी नेता हैं जो नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल हैं. महाराष्ट्र से नारायण राणे, हिना ग़ावित और रणजीत नाइक निम्बलकर को कैबिनेट में जगह मिल सकती है.
कैबिनेट में एलजेपी नेता पशुपति पारस को भी जगह मिल सकती है. बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान का पिछले साल निधन हो गया था. मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 53 मंत्री हैं और नियमानुसार अधिकतम मंत्रियों की संख्या 81 हो सकती है.