नई दिल्ली: एससी/एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपने सहयोगियों और विपक्षी दलों के आरोपों से घिरी मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने आज एससी/एसटी अत्याचार निरोधक कानून में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी.


सरकारी सूत्रों ने बताया, ''अदालत के फैसले को पलटते हुए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दलित अत्याचार कानून के मूल प्रावधानों को बहाल करने के लिए विधेयक को मंजूरी दी.'' अब संशोधन विधेयक को मौजूदा मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है.


आपको बता दें कि इसी साल 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके गोयल और जस्टिस उदय उमेश ललित की पीठ ने एससी/एसटी एक्ट में बड़ा बदलाव करते हुए आदेश दिया था कि किसी आरोपी को दलितों पर अत्याचार के मामले में प्रारंभिक जांच के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. पहले केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी का प्रावधान था. आदेश के मुताबिक, अगर किसी के खिलाफ एससी/एसटी उत्पीड़न का मामला दर्ज होता है, तो वो अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकेगा.


कांग्रेस, बसपा, सपा, टीएमसी, आरजेडी समेत अन्य विपक्षी दलों और दलित चिंतकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने मजबूती से पक्ष नहीं रखा. जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला दिया और कानून कमजोर हुआ. विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार धीरे-धीरे आरक्षण खत्म करना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलितों ने सड़कों पर आंदोलन किया था. जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी.


NRC विवाद: जोरदार हंगामे के बाद राज्यसभा स्थगित, नहीं हुआ गृहमंत्री राजनाथ सिंह का बयान


विपक्षी दलों के साथ एनडीए के सहयोगी दलों लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी), आरपीआई और बीजेपी के कई दलित सांसदों ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाखुशी जताई थी और अपनी सरकार से कहा था कि वो अध्यादेश लाए.


केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी ने एससी/एसटी एक्ट पर फैसला देने वाले जस्टिस एके गोयल को एनजीटी का अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले का भी विरोध किया है. जस्टिस गोयल छह जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे और उसके बाद सरकार ने उन्हें एनजीटी अध्यक्ष नियुक्त किया था.


रामविलास पासवान के सांसद बेटे चिराग पासवान ने पीएम मोदी को पिछले दिनों पत्र लिखकर कहा था कि सरकार द्वारा अतिशीघ्र जस्टिस (रिटायर्ड) एके गोयल को एनजीटी चेयरमैन पद से बर्खास्त किया जाए. एलजेपी का कहना है कि गोयल को एनजीटी अध्यक्ष नियुक्त किये जाने से दलितों में अच्छा संकेत नहीं गया.


SC/ST एक्ट: चिराग पासवान ने PM मोदी को पत्र लिख कहा- NGT चेयरमैन को बर्खास्त करें