Modi Cabinet Meeting: मोदी सरकार बनने के बाद बाद कैबिनेट की बुधवार (19 जून) को दूसरी बैठक हुई. इस मीटिंग में कई अहम और बड़े फैसले लिए गए, जिसमें किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने से लेकर काशी एयरपोर्ट का विस्तार और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया. इसके साथ ही डीप ड्राफ्ट ग्रीन फील्ड पोर्ट को मंजूरी भी दी गई.


महाराष्ट्र के दहानू के पास वधावन में 76,220 करोड़ रुपये की लागत से एक प्रमुख बंदरगाह की स्थापना को मंजूरी दी गई. इसमें भूमि अधिग्रहण की लागत भी शामिल है. इस परियोजना का निर्माण वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (वीपीपीएल) करेगा. वधावन बंदरगाह को महाराष्ट्र के पालघर जिले के वधावन में हर मौसम में काम आने वाले ग्रीनफील्ड डीप ड्राफ्ट प्रमुख बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा. बंदरगाह में नौ कंटेनर टर्मिनल होंगे. इनमें से प्रत्येक 1,000 मीटर लंबा होगा. परियोजना में समुद्र में 1,448 हेक्टेयर क्षेत्र का पुनर्ग्रहण और 10.14 किलोमीटर अपतटीय ब्रेकवाटर और कंटेनर/कार्गो भंडारण क्षेत्रों का निर्माण शामिल है.


मिलेंगे रोजगार के अवसर


केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम गति शक्ति कार्यक्रम के उद्देश्यों के साथ यह परियोजना आर्थिक गतिविधि को बढ़ाएगी. इसमें लगभग 10 लाख व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता भी होगी. इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान मिलेगा.


पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट्स के लिए मंजूर किए 7,453 करोड़ रुपये


इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं को व्यवहारिक बनाने के लिए 7,453 करोड़ रुपये की योजना (वीजीएफ) को मंजूरी दी. इस योजना में एक गीगावाट (1,000 मेगावाट) की अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं (गुजरात और तमिलनाडु के तट पर 500-500 मेगावाट) की स्थापना और चालू करने के लिए 6,853 करोड़ रुपये का परिव्यय के साथ-साथ अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं की लॉजिस्टिक जरूरतों को पूरा करने के लिए दो बंदरगाहों के उन्नयन के लिए 600 करोड़ रुपये का अनुदान शामिल है.


सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि वीजीएफ योजना 2015 में अधिसूचित राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति के कार्यान्वयन की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसका उद्देश्य भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र में मौजूद विशाल अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता का उपयोग करना है. उन्होंने कहा कि सरकार से मिलने वाले वीजीएफ समर्थन से अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली की लागत कम हो जाएगी और उन्हें बिजली वितरण कंपनियों द्वारा खरीद के लिए व्यवहारिक बनाया जा सकेगा.


वाराणसी हवाई अड्डे का होगा विस्तार


वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार के लिए 2,869.65 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में हवाई अड्डे के विकास में नए टर्मिनल भवन का निर्माण, एप्रन (पार्किंग) और हवाई पट्टी का विस्तार, समानांतर टैक्सी ट्रैक और अन्य कार्य शामिल हैं. इस पर 2,869.65 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान है. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के प्रस्ताव का उद्देश्य हवाई अड्डे की यात्री संचालन क्षमता को मौजूदा 39 लाख यात्री प्रति वर्ष से बढ़ाकर 99 लाख यात्री यात्री प्रति वर्ष करना है.


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