30 lakh indians went abroad for higher education: मोदी सरकार ने सोमवार (6 फरवरी) को लोकसभा को बताया कि 2017 से 2022 के दौरान 30 लाख से अधिक भारतीय उच्च शिक्षा के लिए विदेश गए थे. लोकसभा में जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और अन्य सदस्यों ने सवाल किया था. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है.
मंत्री सुभाष सरकार ने कहा, "7.50 लाख भारतीयों ने 2022 में विदेश जाने का अपना उद्देश्य अध्ययन या शिक्षा बताया." यह संख्या 2021 में 4.4 लाख, 2020 में 2.59 लाख, 2019 में 5.86 लाख, 2018 में 5.17 लाख और 2017 में 4.54 लाख थी. मंत्री से यह भी पूछा गया था कि क्या यह सच है कि विदेशों में भारतीय छात्रों की ओर से खर्च किया जा रहा पैसा, देश के शिक्षा बजट से अधिक है और क्या सरकार के पास उक्त धन को बचाने के लिए उच्च स्तर का अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का कोई प्रस्ताव है?
'अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय स्थापित का विचार नहीं'
इस सवाल के जवाब में मंत्री सुभाष सरकार ने कहा कि फिलहाल देश में अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. हालांकि, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भारत में विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के परिसरों की स्थापना की सुविधा के लिए सक्षम विनियमों का मसौदा तैयार किया है.
विदेशी उच्च शिक्षा पर काम कर रहा UGC
उन्होंने कहा, "विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (भारत में विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन) विनियम, 2023 का मसौदा 18 जनवरी 2023 तक सभी हितधारकों से प्रतिक्रिया, सुझाव, टिप्पणी आदि मांगने के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था. हालांकि, हितधारकों से प्राप्त अनुरोधों के मद्देनजर, मसौदा विनियमों पर टिप्पणियां प्राप्त करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी तक बढ़ा दी गई है."
गृह मंत्रालय के पास नहीं होता छात्रों का डेटा
मंत्री सुभाष सरकार ने कहा, "गृह मंत्रालय का इमीग्रेशन ब्यूरो, भारतीयों के प्रस्थान और आगमन का डेटा रखता है, लेकिन उच्च शिक्षा के उद्देश्य से विदेश जाने वाले भारतीयों की जानकारी के लिए उसके पास कोई आंकड़ा नहीं होता है. उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले भारतीयों की जानकारी या तो उनकी मौखिक घोषणा के आधार पर या इमीग्रेशन मंजूरी के समय उनकी ओर से उपलब्ध कराए गए गंतव्य देश के वीजा के प्रकार के आधार पर जुटाई जा सकती है.