NEET Paper Leak: देश में प्रतियोगी परीक्षाओं नीट और यूजीसी-नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर बड़े पैमाने पर उठा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. एक और केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध सिंह को शनिवार को पद से हटा दिया है तो दूसरी ओर 23 जून को होने वाली NEET-PG की परीक्षा को भी स्थगित कर दिया है. 


दरअसल, नीट-नेट 'पेपर लीक' पर बढ़ते विवाद के बीच एनटीए महानिदेशक को पद से हटाया गया है. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि सुबोध सिंह को अगले आदेश तक कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में अनिवार्य प्रतीक्षा में रखा गया है. भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को नियमित नियुक्ति किए जाने तक परीक्षा एजेंसी के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.  


NEET-PG की परीक्षा रद्द


इसके अलावा सरकार ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NEET-PG) को रद्द कर दिया है, जबकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-स्नातक) में भी पेपर लीक के आरोप हैं और इसे रद्द करने की मांग की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पीजी परीक्षा स्थगित की गई है और जल्द ही नयी तारीख घोषित की जाएगी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यह निर्णय छात्रों के सर्वोत्तम हित में और परीक्षा प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने के लिए लिया गया है.'' NEET-PG का आयोजन राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड द्वारा किया जाता है, इस परीक्षा में 1.5 लाख से अधिक छात्र शामिल होते.


शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा?


केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार (22, जून) को कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) का शीर्ष नेतृत्व प्रतियोगी परीक्षाओं-नीट और नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर जांच के दायरे में है. उन्होंने सीएसआईआर-यूजीसी नेट में किसी भी प्रकार के पेपर लीक से इनकार किया, जिसे एक दिन पहले टाल दिया गया था. मंत्री ने कहा कि वह छात्रों के हितों के संरक्षक हैं और कोई भी कदम उठाने से पहले उन्हें इस बात को ध्यान में रखना होगा. एनटीए की भूमिका की जांच के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने कहा, ''मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह संस्थागत विफलता है. मैंने जिम्मेदारी ली है. एनटीए का शीर्ष नेतृत्व कई तरह के सवालों के घेरे में है. लेकिन मुझे सबसे पहले छात्रों के हितों की रक्षा करनी है. मैं उनके हितों का संरक्षक हूं.''


शिक्षा मंत्रालय ने बनाई कमेटी


इससे पहले शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है. केंद्र सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं पर नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक कड़ा कानून लागू किया. इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष की कैद और एक करोड़ रुपये तक के अर्थदंड का प्रावधान है.


बिहार पुलिस की ईओयू कर रही जांच


एनटीए ने पांच मई को नीट-यूजी का आयोजन किया था, जिसमें करीब 24 लाख परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था. इसके नतीजे चार जून को घोषित किए गए, लेकिन उसके बाद बिहार समेत कुछ राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने और अनियमितताओं के आरोप लगने शुरू हो गए. इस बीच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से नीट-यूजी 2024 के संदर्भ प्रश्न पत्र प्राप्त किए हैं. बिहार पुलिस ने कहा कि वह इस मामले में आरोपियों का नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग कराने की संभावना भी तलाश रही है. इससे पहले बिहार पुलिस ने इस मामले के सिलसिले में झारखंड के देवघर जिले से छह लोगों को हिरासत में लिया था.


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