Jammu Kashmir: केंद्र सरकार ने मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर (भट गुट) को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (28 फरवरी) को यह जानकारी दी. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस संबंध में दो अलग-अलग नोटिफिकेश भी जारी किए गए हैं जिसमें इन दोनों संगठनों की गैरकानूनी गतिविधियों और देश की एकता और अखंडता के खिलाफ की जा रही एक्टिविटीज का खुलासा किया.
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय यह दोनों संगठन किस तरह की गतिविधियों को अंजाम देते रहे हैं जिसका बड़ा खुलासा हुआ. यह संगठन न केवल देश के खिलाफ गतिविधियों को संचालित करते थे बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और उसके प्रॉक्सी संगठनों से धन जुटाने का गैरकानूनी काम भी करते थे.
अब्दुल गनी भट की अध्यक्षता वाला जेके मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट) गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त रहा है, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा को हानि पहुंचाने वाला रहा है. एमसीजेके-बी के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध रहे हैं और उसने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन किया है. इतना ही नहीं एमसीजेके-बी के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए देश के खिलाफ नफरत और असंतोष की भावना पैदा करने की गतिविधियों को अंजाम दिया. एमसीजेके-बी और इसके सदस्य अपनी गतिविधियों से देश की संवैधानिक ढांचे और संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ अनादर दिखाते आए हैं.
भारत के खिलाफ और पाकिस्तान के समर्थक में करते थे प्रचार
वहीं, केंद्र सरकार ने जिस दूसरे संगठन पर बैन लगाया है वो गुलाम नबी सुमजी की अध्यक्षता वाला मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (सुमजी गुट) है. गृह मंत्रालय ने इसकी गतिविधियों को भी भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार वाला पाया है. इसके चलते ही इस पर प्रतिबंध लगाया गया है. एमसीजेके-एस के सदस्यों के खिलाफ सरकार ने पाया है कि जम्मू और कश्मीर में यह संगठन आतंकवादी गतिविधियों का समर्थक रहा है और आतंकवादियों को रसद सहायता मुहैया कराने में उनकी संलिप्ता पायी गई.
पाकिस्तान व उसके प्रॉक्सी संगठनों के जरिए जुटाते थे फंड
एमसीजेके-एस के नेता और सदस्य आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के अलावा जेके में सुरक्षा बलों पर लगातार पथराव करने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देते रहे हैं. वहीं, पाकिस्तान और उसके प्रॉक्सी संगठनों समेत तमाम स्रोतों के जरिये बड़ी मात्रा में फंड जुटाने में संलिप्त रहे हैं.
बुनियादी सिद्धांतों को टारगेट, बाधित करने को चलाते थे गतिविधियां
गृह मंत्रालय ने एमसीजेके-एस संगठन की इस मामले में संलिप्ता को उजागर किया है कि वो लगातार कश्मीर के लोगों से चुनावों में हिस्सा लेने से रोकने का काम करता रहा है. इस तरह यह संगठन भारतीय लोकतंत्र के संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त बुनियादी सिद्धांतों को न केवल टारगेट करता रहा बल्कि उसको बाधित करने की गतिविधियों को अंजाम देता रहा है. केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के दोनो संगठनों पर अब 5 साल तक के लिए प्रतिबंध लगाया है.
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