(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
YouTube Channel Blocked: खालिस्तान समर्थक कंटेंट प्रसारित करने वाले 6 यूट्यूब चैनलों पर केंद्र का एक्शन, किया ब्लॉक
Modi Government Action: केंद्र सरकार की ओर से यह कार्रवाई अजनाला की घटना के बाद की गई है. वहां अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अपने साथी को छुड़ाने के लिए पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था.
Pro-Khalistan 6 YouTube Channels Blocked: मोदी सरकार ने एक बार फिर से देश विरोधी कंटेंट प्रसारित करने वाले 6 YouTube चैनलों पर शिकंजा कसा है. जानकारी के मुताबिक ये सभी यूट्यूब चैनल खालिस्तानी समर्थक कंटेंट प्रसारित कर रहे थे, इसी कारण से इनको ब्लॉक कर दिया गया है. सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्वा चंद्रा ने इसकी पुष्टि की है.
अपूर्वा चंद्रा ने शुक्रवार (10 मार्च) को कहा, "कथित रूप से खालिस्तान समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने वाले कम से कम छह यूट्यूब चैनलों को सरकार के इशारे पर ब्लॉक कर दिया गया है." उन्होंने बताया, "पिछले 10 दिनों में विदेशों से संचालित छह से आठ यूट्यूब चैनल ब्लॉक कर दिए गए हैं." उन्होंने बताया कि ये चैनल पंजाबी भाषा में थे और पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य में परेशानियों को पैदा करने की कोशिश कर रहे थे.
Centre blocks 6 YouTube channels streaming pro-Khalistan content
— Press Trust of India (@PTI_News) March 10, 2023
देश विरोधी कंटेंट होगा ब्लॉक
इसके अलावा सरकार की ओर से यूट्यूब को भारत विरोधी कंटेंट को हटाने और ऐसे कंटेंट को प्रसारित करने वाले चैनलों पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दे रखा है. एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यूट्यूब 48 घंटों के भीतर चैनलों को ब्लॉक करने के सरकार के अनुरोध पर कार्रवाई कर रहा है. हालांकि इसमें भाषा से संबंधित दिक्कतें आ रही हैं. अधिकारी ने बताया, "यूट्यूब की एल्गोरिद्म को भारत की लोकल भाषा को समझने में दिक्कत हो रही है."
YouTube की क्या है बड़ी समस्या
उन्होंने कहा, "सरकार ने यूट्यूब से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एल्गोरिदम का इस्तेमाल करने के लिए भी कहा है ताकि आपत्तिजनक कंटेंट की पहचान की जा सके और उसे ब्लॉक किया जा सके. हालांकि, भारतीय संदर्भ में YouTube को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि सामग्री को क्षेत्रीय भाषाओं में अपलोड किया जा रहा था और सिस्टम अंग्रेजी भाषा में सामग्री को स्क्रीन करने के लिए मौजूद थे."
अजनाला की घटना के बाद एक्शन
केंद्र सरकार ने यह कार्रवाई खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थकों की ओर से पुलिस थाने पर चढ़ाई करने के बाद की है. उस घटना में अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अपने एक साथी की रिहाई को लेकर अजनाला के एक पुलिस थाने में तलवारों और बंदूकों के साथ हमला कर दिया था. पुलिस को मजबूरन उसे छोड़ना पड़ा था. 'वारिस पंजाब दे' के चीफ अमृतपाल सिंह को भी कथित तौर पर खालिस्तानी समर्थक माना जाता है.
भिंडरावाले से प्रेरित है अमृतपाल!
'वारिस पंजाब दे' संगठन की स्थापना करने वाले पंजाबी एक्टर और समाजिक कार्यकर्ता दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल सिंह को पिछले साल मारे गए आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव मोगा में एक रोडशो आयोजित करके 'वारिस पंजाब दे' का मुखिया बनाया गया था. इससे पहले वह दुबई में नौकरी करता था.
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