Opposition Parties On Union Budget 2023: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट बुधवार (1 फरवरी) पेश कर दिया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने इसे अमृत काल का पहला बजट बताते हुए कहा कि ये पहले बजट की तस्वीर को आगे मुकम्मल करेगा और सभी तबकों को फायदा पहुंचाएगा. इस बजट को मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत देने वाला बताया जा रहा है क्योंकि कई तरह की सौगातें इस वर्ग को इसमें दी गई हैं. मसलन अभी सालाना 5 लाख तक की आय पर लोग कोई इनकम टैक्स नहीं देते हैं.


नई टैक्स व्यवस्था के तहत इस स्तर को 7 लाख करने का प्रस्ताव रखा गया है. बीते साल के मुकाबले पर्सनल टैक्स की 6 दरों को घटा कर उनका स्तर 5 तक कर दिया गया है. इसके अलावा राज्य सरकारों को 15 सालों के लिए बगैर इंटरेस्ट का लोन और कृषि के लिए कर्ज का दायरा बढ़ाकर 20 लाख करोड़ कर दिया गया है.


इस तरह के कई प्रस्ताव बजट में किए गए हैं, लेकिन विपक्षी राजनीतिक पार्टियों को ये बजट रास नहीं आया है. विपक्ष कह रहा है कि बजट में कुछ अच्छी बातें हैं, लेकिन फिर भी ये सवालों के घेरे में हैं. दरअसल बजट 2023-24 को लेकर विपक्षी पार्टियां और नेता राहत देने की वजह से इसकी तारीफ तो कर रहे हैं, लेकिन कमियां भी गिना रहे हैं. 


‘नाम बड़े और दर्शन छोटे बजट’ है


कांग्रेस पार्टी की बीजेपी से अदावत छुपी नहीं है. कभी देश की सत्ता में काबिज रही कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी दिल्ली की कुर्सी के लिए भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं तो विपक्ष को एकजुट करने की भी पुरजोर कोशिशों में लगे हैं. कांग्रेस ये कह रही है कि नरेंद्र मोदी ने बीते साल का बजट पेश कर जो तारीफ बटोरनी थी वो बटोर चुकी है, लेकिन अब उसकी हकीकत सामने आ रही है. ये बजट देश में 2023 के राज्यों में होने जा रहे चुनावों की पिच तैयार करने का जरिया बना है.






कांग्रेस ने बजट को लेकर कहा है कि ये हवाई वादों का जमुला है और काम का नामोनिशां यहां कम ही रहता है. ये हमेशा से ही बीजेपी की शानदार रणनीति है. कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) तो साफ तौर पर बजट 2023 पर हमलावर दिखे. खरगे ने कहा, "ये बजट केवल चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया गया है, देश को ध्यान में रखकर नहीं. इस बजट में भयंकर बेरोजगारी का हल ढूंढ़ने तक की कोशिश नहीं की है."


कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने यहां तक कहा, "कुल-मिलाकर मोदी सरकार ने देश की जनता का जीवन  दुश्वार किया है. देश की अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचाई हैं. देश की संपत्ति को लूटने के अलावा मोदी सरकार ने कुछ नहीं किया है." उन्होंने ये भी कहा, "बैंकिंग सेक्टर को मोदी सरकार ने बर्बाद कर दिया है. भगौड़े देश लूट कर भाग गए हैं ! 3 लाख करोड़ के Wilful Defaulters हैं. बैंकों पर 36 लाख करोड़ का NPA Slippage है. पर बजट में कोई उपाय नहीं बताया गया है ! SBI और LIC को जो जोखिम में डाला जा रहा है, उसपर एक शब्द नहीं है."





खरगे ने ये भी कहा, ''किसान विरोधी, नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के लिए बजट में कुछ नहीं दिया है ! 2022 में किसानों की आय डबल करने का वादा किया था, उसको पूरा क्यों नहीं किया ? MSP गारंटी कहाँ है ? किसानों की अनदेखी चालू है ! इस बजट में दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए कुछ भी नहीं है. उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए एक भी क़दम नहीं है. मनरेगा का बजट ₹38,468 Cr कम कर दिया. तो ग़रीबों का क्या होगा ?"


शिक्षा, सेहत और महंगाई के मुद्दे पर भी कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार के बजट पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य बजट में कोई बढ़ावा नहीं है. कमी है. हर घर महंगाई है, आम इंसान की आफ़त आई है ! बजट में ऐसा कुछ नहीं है जिससे रोज़मर्रा की वस्तुओं के दामों में कोई भी कमी आये ! आटा, दाल, दूध, रसोई गैस - सबका दाम बढ़ाकर मोदी सरकार ने देश को लूटा है ! 


ममता बनर्जी भी बजट से नाखुश


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मोदी सरकार के आम बजट को लेकर खुश नहीं है. ममता बनर्जी ने बजट 2023 को जनता के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा कि इसमें गरीब तबके को दरकिनार किया गया है. जिस आयकर स्लैब को लेकर कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे मध्यम वर्ग के अनुकूल कहा था उसे भी ममता बनर्जी ने सिरे से नकार दिया है.


उन्होंने यहां तक कह दिया कि आयकर स्लैब में बदलाव से किसी की मदद नहीं होने जा रही है. उन्होंने कहा, "ये केंद्रीय बजट भविष्य को लेकर तैयार नहीं किया गया है और पूरी तरह से मौकापरस्त, जनविरोधी और गरीबों के खिलाफ है. यह केवल एक वर्ग के लोगों को फायदा पहुंचायेगा. इससे  देश में बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में मदद नहीं मिलेगी. इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बनाया है." 


'डिंपल यादव ने कहा निराशाजनक'


समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि बजट चुनाव को देखते हुए पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि भले ही मध्यम वर्ग को कुछ छूट दी गई है, लेकिन सरकार ने किसानों, युवाओं के बारे में कुछ नहीं कहा है. इस बजट में रेलवे की भी दरकिनार किया गया है.. यह निराशाजनक बजट रहा है." 


'चुनावी बजट में रेवड़ी बांटी जाती है'


केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2023-24 के बजट को चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया बजट कहने वालों को करारा जवाब दिया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "इस बजट में बहुत निरंतरता है. चुनावी बजट वह होता है, जहां 'रेवड़ियां' बांटी जाती हैं. यह बजट 140 करोड़ लोगों को सशक्त बनाता है. यह बजट भारत को उज्जवल भविष्य के लिए तैयार हुआ है."


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