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- नरेंद्र मोदी के लोकसभा को संबोधित करने के बाद सोनिया ने बिना नाम लिए आरएसएस पर निशाना साधा और कहा कि ऐसे संगठनों ने आजादी में कोई योगदान नहीं दिया बल्कि ऐसे संगठन आजादी के आंदोलन के खिलाफ थे.
- सोनिया गांधी ने कहा- गांधी जी ने कहा था, कांग्रेसी करें या मरे. आजादी की लड़ाई के दौरान कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं की जेल में मौत हो गई थी. और पूर्व प्रधानमंत्री नेहरु ने जेल में लंबा समय बिताया था.
- मोदी ने कहा कि हम सबको मिलकर गरीबों का अधिकार दिलाना होगा. साथ ही नौजवानों को रोजगार देंगे औऱ देश से भ्रष्टाचार को दूर करेंगे.
- पीएम ने कहा, आज छोटी-छोटी बात पर लोग हिंसक हो रहे हैं. आज हम ट्रैफिक सिग्नल तोड़ देते हैं और किसी से भी मारपीट करने लगते हैं. काूनन तोड़ना हमारा स्वभाव बन गया है.
- मोदी ने कहा कि हमें देश से भ्रष्टाचार को उखाड़ कर फैंकना होगा. भ्रष्टाचार ने देश को खोखला कर दिया है. हमें भ्रष्टाचार को उखाड़ कर फेंकना होगा.
- पीएम मोदी ने कहा, आज हमें पता ही नहीं है कि हम क्या गलत कर रहे हैं और क्या सही कर रहे हैं. आज हम कानून तोड़ देते हैं, कहीं भी गंदगी फैला देते हैं.
- पीएम मोदी ने कहा, राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति होती है. साल 1942 में देश का हर व्यक्ति नेता बन गया था. उन्होंने कहा कि दल से बड़ा देश होता है. आज हम मिलकर काम करेंगे तो हमें सफलता जरुर मिलेगी.
- पीएम मोदी ने कहा, आज हमें मिलकर काम करने की जरुरत है. आइए हम 2022 तक भारत को गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, सांप्रदायिकता से मुक्त करने का संकल्प लें हैं और 'न्यू इंडिया' का सपना पूरा करें. हम ईमानदारी से काम करने का संकल्प लेते हैं.
- पीएम मोदी ने कहा कि साल 1942 में देश में अभी नहीं तो कभी नहीं का माहौल बना था. उस दौरान आजादी के इस आंदोलन ने दूनिया कई देशों में आजादी की लौ जला दी थी.
- गांधी जी ने करो या मरो का नारा दिया, 1857 में पूरे देश में आजादी का बिगुल बजा- मोदी
- लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज का यह दिन हर हिन्दुस्तानी के लिए गौरव की बात है.
संसद में नहीं होगी कोई दूसरी कार्यवाही
दिन भर चलने वाली इस चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता हिस्सा लेंगे. आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ विशेष सत्र की चर्चा का समापन करेंगे. इस विशेष सत्र में संसद की दूसरी कोई कार्यवाही नहीं होगी.
जानकारों की राय में भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह पर चर्चा करवाकर मोदी सरकार आजादी के उन नायकों के योगदान को उभारना चाहती है, जिनकी अब तक उतनी चर्चा नहीं होती या जो कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में गुमनामी में खोए रहे.
संसद में गूंज सकते हैं क्रांतिकारी सेनानियों के नाम
इस दौरान महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसी महानायकों के अलावा स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान करने वाले कुछ और क्रांतिकारी सेनानियों के नाम भी संसद में गूंज सकते हैं.
सभी दलों ने अपने सांसदों से कहा है कि वो भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर होने वाली इस ऐतिहासिक चर्चा में मौजूद रहें.