मोदी सरकार का दावा: बंगाल को छोड़ पूरा शहरी भारत हुआ खुले में शौच से मुक्त
शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक भारत के शहरी इलाके खुले शौच से मुक्त हो चुके हैं. इनमें देश के 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के शहर शामिल हैं. जो 52 शहरी निकाय इसमें शामिल नहीं किए गए हैं वो सभी पश्चिम बंगाल के हैं.
नई दिल्ली: सोमवार को मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. सरकार का दावा है कि अब अगर आप शहरों में बाहर निकलें तो किसी को भी खुले में शौच करते हुए नहीं पाएंगे . केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने ऐलान किया कि केवल बंगाल के कुछ शहरी इलाकों को छोड़ पूरे भारत के शहरी क्षेत्र अब खुले में शौच से आज़ाद ( Open Defecation Free ) हो गए हैं. जिनमें 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के शहर शामिल हैं. शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक़ इन राज्यों के 4372 शहरी स्थानीय निकायों में से 4320 निकायों में अब खुले में शौच की समस्या नहीं है. जो 52 शहरी निकाय इसमें शामिल नहीं किए गए हैं वो सभी पश्चिम बंगाल में हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि 4167 शहरी निकायों की जांच किसी तीसरी एजेंसी द्वारा करवाए जाने के बाद उसे ODF घोषित किया गया है.
क़रीब 66 लाख घरों में बने शौचालय
2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश को खुले में शौच से मुक्त करने को सबसे बड़ा कार्यक्रम बनाया गया था. जहां ग्रामीण इलाकों में शौचालय बनाने का काम आज जलशक्ति मंत्रालय का है वहीं शहरी इलाकों में ये जिम्मा शहरी विकास मंत्रालय को सौंपा गया है. मंत्रालय के मुताबिक 2014 से अबतक शहरी इलाकों में 66 लाख घरों में शौचालय बनाए गए जबकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत लक्ष्य 59 लाख का ही रखा गया था. इतना ही नहीं , इस दौरान क़रीब 5.9 लाख सामूहिक या सार्वजनिक शौचालय भी बनाए गए जबकि मिशन के तहत लक्ष्य 5.08 लाख रखा गया था.
गूगल पर मिल रही शौचालयों की जानकारी
अगर आप अपने शहर में सार्वजनिक शौचालय की तलाश में हैं तो ये काम आपके लिए गूगल कर सकता है. शहरी विकास मंत्रालय ने गूगल के साथ साझेदारी कर इसकी शुरुआत की है ताकि आप आसानी से शौचालय खोज सकें. आंकड़ों के मुताबिक़ अबतक क़रीब 2300 शहरों के 57000 से ज़्यादा शौचालय गूगल पर अपलोड हो चुके हैं और उनकी मैपिंग भी हो चुकी है. मंत्रालय के मुताबिक इससे कुल शहरी इलाकों की लगभग आधी आबादी दायरे में आ गई है.
नवी मुम्बई और इंदौर हैं 5 स्टार शहर
वहीं कौन सा शहर कचरे से कितना मुक्त है उसको मापने के लिए सरकार ने स्टार रेटिंग देना शुरू किया है. इसी के तहत देश के 4 शहरी निकायों को कचरे से सफ़ाई के मामले में 5 स्टार रेटिंग दी गई है. इनमें नवी मुम्बई , इंदौर, अम्बिकापुर और मैसूर शामिल हैं. इसके अलावा 57 शहरी निकायों को 3 स्टार जबकि 4 को एक स्टार रेटिंग दी गई है. शहरी मंत्रालय ने ये भी एलान किया कि शहरी इलाकों के लिए हर साल होने वाला स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत 2020 का स्वच्छ सर्वेक्षण अगले साल 4 जनवरी से 31 जनवरी के बीच होगा. सर्वेक्षण के आधार पर ही देश के सबसे साफ़ और गंदे शहरों की रैंकिंग की जाती है.
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