नई दिल्ली: मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को लेकर रोडमैप तैयार करने के लिए एक मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया है. इसमें कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और जितेंद्र सिंह शामिल हैं.
सूत्रों ने कहा कि मंत्री समूह दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में उठाए जाने वाले विभिन्न विकास, आर्थिक और सामाजिक कदमों के बारे में सुझाव देगा. सूत्रों ने कहा कि सितंबर के पहले सप्ताह में जीओएम की पहली बैठक होगी.
आज हो सकता है पैकेज का एलान
सूत्रों के मुताबिक, मोदी कैबिनेट आज जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का एलान कर सकती है. सूत्रों ने बताया कि सरकार 50 हजार नौकरियों का भी एलान कर सकती है.
मंगलवार को,15 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों ने जम्मू-कश्मीर को लेकर नई दिल्ली में चर्चा की थी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन और सामान्य स्थिति बहाल करने के कदमों पर चर्चा की गई. यही नहीं बैठक में लद्दाख क्षेत्र में सर्दियों की शुरुआत से पहले आवश्यक वस्तुओं को स्टॉक करने के लिए किए जाने वाले उपायों पर भी चर्चा की गई.
केंद्र सरकार ने इसी महीने पांच तारीख को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किये जाने का फैसला किया था. साथ ही सूबे को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था. जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों के रूप में 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे.
तब सरकार ने दावा किया था कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के विकास में सबसे बड़ी बाधा थी. हटने के बाद अब केंद्र की योजनाएं सही ढंग से जम्मू-कश्मीर में काम करेंगी.
इसके साथ 25 अगस्त को केंद्र ने प्रधानमंत्री किसान योजना, प्रधानमंत्री किसान पेंशन योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना और स्टैंड-अप इंडिया जैसी 85 विकास योजनाओं की शुरुआत की. सरकार का लक्ष्य है कि 21 मंत्रालयों के तहत आने वाली इन योजनाओं के 100 प्रतिशत कवरेज को एक महीने (30 सितंबर) के भीतर पूरा कर लिया जाए.
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