PM Modi On PMGKAY: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) जल्द ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर अंतिम फैसला लेंगे. यह योजना 30 सितंबर को समाप्त होने वाली है. ऐसे में क्या इस योजना का विस्तार किया जाएगा या फिर सरकारी वित्त और खाद्य आपूर्ति पर तनाव को कम किया जाएगा, इसका फैसला जल्द ही हो जाएगा. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मोदी सरकार अप्रैल 2020 से हर महीने लगभग 1.5 ट्रिलियन रुपये की लागत से 80 करोड़ भारतीयों को प्रति माह 5 किलोग्राम गेहूं या चावल और एक किलो चना दे रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त मंत्रालय इस योजना का विस्तार करने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि यह एक बजट घाटे पर दबाव डालता है. अंतिम निर्णय पीएम मोदी के कार्यालय द्वारा किया जाएगा, जो अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है, जैसे कि त्योहारी सीजन और कई राज्यों में चुनाव.
चुनाव के मद्देनजर होगा फैसला?
आपको बता दें कि मोदी सरकार के लिए इस योजना को समाप्त करना आसान विकल्प नहीं होगा. भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ मोदी के गृह राज्य गुजरात में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, जहां इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं.
मिंट पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज, नई दिल्ली के प्रोफेसर संजय कुमार ने कहा, "यदि आप इन्हें रोकते हैं, तो इसका निश्चित रूप से लोगों की मतदान वरीयताओं पर कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा." उन्होंने यह भी कहा कि मुफ्त भोजन से लाभान्वित होने वाले मतदाताओं की एक बड़ी संख्या ने इस साल की शुरुआत में देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए योजना ने मतदान किया था.
कुल 3.40 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 5 किलो मुफ्त चावल या गेंहू, 1 किलो चना 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को दिया जाता है. ये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सब्सिडी पर मिलने वाले राशन के अतिरिक्त है. सरकार ने इस योजना पर मार्च तक लगभग 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं और सितंबर, 2022 तक 80,000 करोड़ रुपये और खर्च किए जाएंगे. इससे पीएमजीकेएवाई के तहत कुल खर्च लगभग 3.40 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.
कई बार योजना की समय सीमा को बढ़ाया गया
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY Benefits) ने लोगों को महंगाई और कोरोना महामारी के दौरान बहुत बड़ी राहत दी है. इस योजना का लाभ देश के 80 करोड़ लोगों को मिल रहा है. इस योजना के जरिए मिलने वाले राशन को केंद्र सरकार राशन की दुकानों के जरिए लोगों को दे रही है. इस मामले पर बात करते हुए रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की एनुअल बैठक में खाद्य सचिव ने सुधांशु पांडेय ने कहा कि ये एक बड़ा सरकारी फैसला है जिस पर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) को ही लेना है.