FARM BILL : राष्ट्रीय किसान मोर्चा (Rashtriya Kisan Morcha) के संयोजक वीएम सिंह ने एक बार फिर अपने बयानों से सुर्खियां बटोरी हैं. उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही किसान आंदोलन में एमएसपी पर बात कही थी और इसी वजह से आंदोलन से निकाल दिया गया था. वीएम सिंह बोले, मैं एमएसपी का जिक्र कर रहा था और वहां बैठे कुछ नेता कानून वापसी का नारा दे रहे थे. पीएम मोदी (Narendra Modi) एमएसपी पर कोई भरोसा दें तो सारी शिकायतें दूर हो जाएंगी. फिर किसी कमेटी की जरूरत नहीं होगी. 


वीएम सिंह ने कहा कि अगर एमएसपी के लिए कमेटी बनानी ही है तो सिर्फ 2 राज्यों से जुड़े किसान नेताओं को शामिल न किया जाए. इसमें सभी राज्यों के किसान नेताओं को जगह मिलनी चाहिए. 


‘टिकैत के साथ कोई नहीं, सिर्फ राजनीति कर रहे’


भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union)  के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पर भी वीएम सिंह ने हमला बोला और कहा, ''यूपी में 75 जिले हैं. हर जिले में किसानों के संगठन हैं, लेकिन सिर्फ एक किसान संगठन का नेता खुद को सबका प्रतिनिधि बता रहा है. राकेश टिकैत के साथ कोई नहीं है. वे सिर्फ राजनीति कर रहे हैं.''


‘किसान संयुक्त मोर्चा में 40 में से 35 नेता पंजाब के’


वीएम सिंह ने कहा कि मौजूदा किसान संयुक्त मोर्चा भी सभी का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. संगठन में 40 में से 35 नेता पंजाब के हैं. राकेश टिकैत इसमें अकेले यूपी से हैं. इसी से पता चलता है कि किसान मोर्चा कितने लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा है. वीएम सिंह ने कहा कि एमएसपी को लेकर हमारी मांग शुरुआत से है. अच्छी बात है कि बाकी किसान संगठनों को भी अब यह बात समझ में आ गई है. हमारा मुख्य मुद्दा अभी भी एमएसपी ही है.


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