पीएम मोदी जून के आखिर तक जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों के साथ कर सकते हैं बैठक
एक अधिकारी ने बताया कि इस महीने के आखिरी तक जम्मू कश्मीर के नेताओं को बैठक के लिए बुलाया जा सकता है. इसमें फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, अल्ताफ बुखारी और सज्जाद लोन को वार्ता के लिए आमंत्रित किया जा सकता है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर की सभी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ इस इस महीने के आखिरी तक बातचीत कर सकती है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने की कोशिशों के तहत यह कदम उठाया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन को वार्ता के लिए आमंत्रित कर सकता है.
अब्दुल्ला और महबूबा पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किये जाने की संभावना है और इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेता भी शामिल हो सकते हैं. अनुच्छेद 370 हटाए जाने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटे जाने के बाद इस तरह की यह पहली बैठक होगी.
केंद्र के साथ वार्ता के मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर माकपा नेता एवं गुपकर संगठन के प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा कि नयी दिल्ली की ओर से कुछ नहीं बताया गया है, हालांकि उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता है तो उसका स्वागत है. जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख बुखारी ने कहा, ‘‘जब कभी वार्ता होगी, उसका मैं स्वागत करता हूं.
अमित शाह की बैठक
शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर का सर्वांगीण विकास और जनता का कल्याण करना मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं 90% तक पूरे जम्मू कश्मीर में फैल चुकी हैं.