केंद्र सरकार बना रही है प्लान, बड़े आतंकियों को मारने के बाद परिजनों को नहीं सौंपे जाएंगे शव: सूत्र
रक्षा महकमे के बड़े सूत्रों के मुताबिक़ ख़बर ये है कि कश्मीर घाटी में आतंकियों की स्थानीय भर्ती अभियान पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाने पर विचार हो रहा है.
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाने के बाद जहां आतंकियों के खिलाफ ऑपेरशन तेज़ करने का निर्देश सुरक्षा बलों को दिया है. साथ ही कश्मीर घाटी में सुरक्षा ऑपेरशन की रणनीति में बड़े बदलाव प्लान किया गया है. सुरक्षा महकमे के बड़े सूत्रों के मुताबिक़ ख़बर ये है कि कश्मीर घाटी में आतंकियों की स्थानीय भर्ती अभियान पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाने पर विचार हो रहा है.
सूत्रों के मुताबिक़ कश्मीर घाटी में लश्कर जैश और हिजबुल के टॉप कमांडर के मारे जाने पर उनके शव को उनके परिवार नहीं सौपा जाएगा. इसकी जगह पर ऑपरेशन के दौरान ढेर किए गए आतंकियों को अंजान जगह पर दफन करने पर विचार हो रहा है यानि बड़े आतंकी अन मार्क ग्रेव में दफन किये जायेंगे.
सूत्रों के मुताबिक़ आतंकी कमांडरों के जनाजे में बड़ी संख्या में स्थानीय युवा शामिल होते है. जहां पर हथियारबंद आतंकी कमांडर भड़काऊ तक़रीरें करते है और युवाओं को जेहाद के नाम पर भड़जाते हैं. युवाओं का ब्रेनवॉश करके आतंकी कमांडर अलग अलग उन्हें अपनी तंज़ीम में शामिल करते है.
ख़ुफ़िया एजेंसी ने हाल में सरकार को एक रिपोर्ट दी थी कि कश्मीर घाटी में आतंकी जनाज़ों में आतंकी भर्ती का अभियान धड़ल्ले से चलता है, जिसमें, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन है. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक सरकार ने फैसला किया है कि आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के ऑपेरशन में अड़ंगा डालने वाले पथ्थरबाज़ों से अब कोई रियासत नहीं होगी.
सूत्रों ने ये साफ किया है कि पत्थरबाज़ों के पकड़े जाने पर उनके साथ कोई कानूनी रियायत नहीं होगी पर चाहे वो पहली बार पत्थरबाज़ी में शामिल होंगे, इसके साथ ही किसी पत्थरबाज से मुक़दमा भी नहीं हटेगा. ऐसे पत्थरबाज़ों को सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षा बलों पर हमले के तहत कानूनों में मुकदमा चलेगा. साफ है सरकार ने इन सख्त कदमों से घाटी में हालात सामान्य बनाने का प्रस्ताव पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भे दिया था लेकिन वो इसे मानने को तैयार नहीं थी. सूत्रों जे मुताबिक़ गठबंधन टूटने के ये एक बड़ी वजह थी.