नई दिल्ली: देश भर में कोरोना के मामले हर दिन के साथ बढ़ते जा रहे हैं. लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों संख्या में बढ़ोतरी से केंद्र समेत राज्य की सभी सरकारें परेशान हैं. केंद्र सरकार का कहना है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे ज्यादा खतरा तब्लीगी जमात के लोगों की वजह से आया है.
केंद्र सरकार का कहना है कि देश में आज कोरोना के तीन हजार से ज्यादा कोरोना के मरीज हैं. तब्लीगी जमात के कारण देश में 22 हजार लोग क्वॉरंटीन किए गए हैं. सरकार ने कहा कि 30 परसेंट कोरोना केस के लिए तब्लीगी जमात जिम्मेदार है.
तब्लीगी जमात ने जताया था अफसोस
कोरोना वायरस के बीच लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर तब्लीगी जमात ने शनिवार को अफसोस जताया था. तब्लीगी जमात की तरफ से कहा गया था कि वह पुलिस के साथ जैसे चाहे वैसे सहयोग को तैयार हैं. दिल्ली की तब्लीगी जमात ने प्रेस रीलिज जारी कर अफसोस जताया था और कहा है कि उसे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. प्रेस रीलिज में कहा गया है कि निजामुद्दीन में फैले कोरोना वायरस के लिए वह अफोसस जाहिर करते हैं.
तब्लीगी जमात के प्रमुख ने कहा- अभी नहीं दे सकता पूलिस को जवाब
तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद ने कहा है कि वह अभी पुलिस के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सकते हैं क्योंकि मरकज़ ब्लॉक है और वह भी क्वॉरंटीन हैं. बता दें कि कि पुलिस ने मौलाना साद से कुछ सवाल पूछे थे. फिलहाल मौलाना साद गायब है.
पुलिस ने मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को नोटिस
दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को नोटिस जारी किया और उनके खिलाफ लॉकडाउन के आदेशों का कथित तौर पर उल्लंघन कर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है. तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को जारी की गई नोटिस में 26 सवाल पूछे गए हैं. जिसमें नाम, पता, संगठन का पंजीकरण विवरण, उसके पदाधिकारियों का विवरण, पिछले तीन वर्षों में मरकज द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न का विवरण, पैन नंबर, बैंक खाता संख्या और पिछले एक वर्ष के बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराना शामिल हैं.
गाजियाबाद में नर्सों से जमात के लोगों की अभद्रता के बाद योगी सरकार सख्त
तब्लीगी जमात के कुछ लोगों द्वारा नर्सों से अभद्रता को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त नज़र आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि ये लोग मानवता के दुश्मन हैं और इनके खिलाफ रासुका लगाया जाएगा. योगी आदित्यनाथ ने कहा,'' ये लोग ना क़ानून को मानेंगे, ना व्यवस्था को मानेंगे, ये मानवता के दुश्मन हैं. जो इन्होंने महिला स्वास्थ्यकर्मियों के साथ किया है, वह जघन्य अपराध है. इन पर रासुका (एनएसए) लगाया जा रहा है. हम इन्हें छोड़ेंगे नहीं.''
दरअसल गाजियाबाद के एक अस्पताल में तबलीगी जमात के लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. लेकिन उनकी हरकतें सामान्य नहीं बताई गई. जमाती मरीजों पर आरोप है कि वह स्टाफ नर्स के सामने अश्लील गाने सुनते और गंदे-गंदे इशारे करते रहे. इतना ही नहीं डॉक्टरों और नर्सों से वो लोग बीड़ी और सिगरेट की मांग भी कर रहे हैं. हालांकि अब उनकी देखभाल सिर्फ पुरुषकर्मचारी करेंगे और उन्हें नीजि अस्पताल में शिफ्ट भी कर दिया गया है.
960 विदेसियों का वीजा रद्द
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी जमात का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़े कदम उठाए और इसके तहत वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 960 विदेशियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है. साथ ही उनका भारतीय वीजा भी रद्द कर दिया गया है इन लोगों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
क्या है मामला
दरअसल बीते रविवार देर रात दिल्ली पुलिस को खबर मिली कि निजामुद्दीन इलाके में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए हैं. दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मेडिकल टीम लेकर यहां पहुंचे और इलाके को बंद करने के बाद टेस्ट के लिए लोगों को ले गए. सैंकड़ों लोगों के टेस्ट हुए. इनमें कई लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इस वक्त पूरा इलाका सील कर दिया गया है. इसमें तबलीग़-ए-जमात का मुख्य केंद्र, इस केंद्र के सटे हुए निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन और बगल में ही ख्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह है.
दरअसल 3000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक तबलीगी जमात में भाग लिया था.स्थानीय लोगों ने कहा कि इस अवधि के बाद भी बड़ी संख्या में लोग जमात के मरकज में ठहरे रहे. इस वक्त देश में कोरोना वायरस के मद्देनज़र लॉकडाउन लगा है और किसी भी तरह की धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत नहीं है.
तब्लीगी जमात की सफाई
इस गंभीर संकट में जहां पुलिस कह रही है कि इस तरह के धार्मिक आयोजन की इजाजत नहीं थी तो वहीं तब्लीगी जमात सफाई दे रहा है. लगातार उठ रहे सवालों के बीच मरकज़ ने अपने बचाव में दलील दी है. निज़ामुद्दीन तबलीगी जमात मरक़ज़ में लोगों को ट्रेनों या फिर दूसरी जगह से बाहर जाना था लेकिन बंद के चलते वह जा नहीं पाए. हालांकि इस बात को लेकर दिल्ली पुलिस ने मरकज़ को नोटिस भी दिया थाऔर मरक़ज़ का कहना है कि वो भी दिल्ली पुलिस के राब्ते में थे.