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कैराना इफेक्ट: अब गन्ना किसानों को राहत देगी मोदी सरकार, 8000 करोड़ का मिलेगा पैकेज
बड़ी बात ये है कि मोदी सरकार के इस पैकेज को एनसीपी नेता और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार की सिफारिश के बाद तैयार किया गया है.
नई दिल्ली: हाल ही में उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. हार के पीछे की वजह किसानों की बीजेपी से नाराजगी बताई गई. अकेले यूपी में किसानों पर चीनी मिलों का करीब 13 हजार करोड़ रूपए बक़ाया हो चुका है. ऐसे में अब मोदी सरकार गन्ना किसानों की मदद के लिए एक बड़े पैकेज पर विचार कर रही है. बड़ी बात ये है कि मोदी सरकार के इस पैकेज को एनसीपी नेता और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार की सिफारिश के बाद तैयार किया गया है.
चीनी का बनेगा बफ़र स्टॉक
बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार चीनी को लेकर कई बड़े फ़ैसले कर सकती है. इसमें सबसे अहम फैसला चीनी के बफर स्टॉक बनाने का है. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट लगभग 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाए जाने की योजना को मंज़ूरी दे सकती है. बफर स्टॉक बनाने में 1200 करोड़ रुपए लगने की संभावना है. बफर स्टॉक बनने से चीनी की मांग और आपूर्ति के अंतर को मिटाने के साथ-साथ उत्पादित चीनी क खरीद भी सुनिश्चित हो सकेगी.
एथेनॉल उत्पादन नीति में भी बदलाव
देश में एथेनॉल की क्षमता बढ़ाने के लिए भी सरकार कोई फैसला ले सकती है. लगभग 4400 करोड़ रुपए के इस पैकेज के तहत एथेनॉल के उत्पादन के लिए गन्ना का उपयोग बढ़ाने पर बल दिया जाएगा. इसके लिए खाद्य मंत्रालय ने पेट्रोलियम मंत्रालय ने नीति में समुचित बदलाव करने की ग़ुज़ारिश की है.
मिल से निकलने वाली चीनी का न्यूनतम विक्रय मूल्य तय होगा!
बफ़र स्टॉक और एथेनॉल के अलावा सरकार कुछ अन्य उपायों पर भी फ़ैसला ले सकती है. सरकार मिल से निकलने वाली चीनी का न्यूनतम विक्रय मूल्य तय कर सकती है. न्यूनतम मूल्य 30 रूपये प्रति किलो के आस पास हो सकता है. इसका मतलब ये होगा कि चीनी मिल इस क़ीमत से कम पर चीनी नहीं बेच सकेंगे. चीनी मिलों पर चीनी रखने की सीमा तय करने पर भी फ़ैसला हो सकता है. सरकार ये भी तय कर सकती है कि आख़िर कोई भी चीनी मिल हर महीने कितनी चीनी जारी कर सकता है.
पहले भी कई ऐलान कर चुकी है सरकार
इस साल चीनी के बम्पर उत्पादन के अलावा राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय बाजार में चीनी के कम दाम के चलते चीनी मिल अबतक किसानों से खरीदे गए गन्ने का पूरा दाम नहीं दे पाए हैं । हालात ये है कि देश भर के गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर बकाया 20000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. इससे निपटने के लिए पहले भी सरकार चीनी पर आयात शुल्क 100 फीसदी और निर्यात शुल्क शून्य फ़ीसदी करने के साथ-साथ गन्ना किसानों को प्रति तन 5.50 रुपए सब्सिडी देने का भी ऐलान कर चुकी है.
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